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कोरोना इफेक्ट: फरवरी में खत्म हो चुकी है DL की वैधता, 30 जून तक की मिली मोहलत

केंद्र ने एक फरवरी से खत्म ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन जैसे दस्तावेज की वैधता 30 जून तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है.

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लॉकडाउन के बीच सरकार ने दी राहत
लॉकडाउन के बीच सरकार ने दी राहत

  • 14 अप्रैल तक देशभर में लागू है लॉकडाउन
  • 31 मार्च यानी आज वित्त वर्ष का आखिरी दिन

लॉकडाउन की वजह से बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैन-आधार लिंकिंग समेत कई जरूरी डेडलाइन को बढ़ाने का ऐलान किया था.

अब सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन जैसे दस्तावेज की वैधता बढ़ा दी है. सरकार का ये फैसला उन ड्राइविंग लाइसेंस पर लागू होगा, जिनकी वैधता 1 फरवरी को खत्म हो चुकी है. इस पहल का मकसद लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामान की ढुलाई को सुचारू बनाना है. इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है.

क्या कहा एडवाइजरी में?

मंत्रालय ने कहा, ‘‘सभी राज्यों से आग्रह है कि वे मोटर वाहनू कानून और नियम के तहत उन दस्तावेजों को 30 जून तक वैध मानें जिनकी वैधता एक फरवरी 2020 को समाप्त हो गई है और देशव्यापी बंद के कारण उनको रिन्यू नहीं कराया जा सका है. ’’ जिन दस्तावेजनों की वैधता की अवधि बढ़ायी गई है, उसमें मोटर वाहन कानून के तहत फिटनेस प्रमाणपत्र, सभी प्रकार के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल हैं.

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वित्त वर्ष का आखिरी दिन

वित्त वर्ष का आज यानी 31 मार्च को आखिरी दिन है. ये ऐसा दिन होता है जब कई फाइनेंशियल कामकाज निपटाने की आखिरी डेडलाइन होती है. हालांकि, लॉकडाउन की वजह से सरकार ने अधिकतर डेडलाइन को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है. इनमें से आधार और पैन लिंकिंग के अलावा साल 2018-19 का आईटी रिटर्न भी शामिल है.

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इसी तरह, विवाद से विश्वास स्कीम और जीएसटी फाइलिंग को लेकर भी डेडलाइन को बढ़ा दिया गया है. बता दें कि ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वित्त वर्ष समाप्त होने की डेडलाइन को भी 30 जून तक किया जा सकता है लेकिन सरकार की ओर से साफ किया गया है कि ऐसा नहीं होगा.

बहरहाल, लॉकडाउन को देखते हुए सरकार की ओर से 1.70 लाख करोड़ के पैकेज का भी ऐलान किया गया है. इसका फायदा गरीब वर्ग, मजदूर वर्ग, महिला वर्ग के अलावा दिव्यांग, विधवा और बुजुर्ग वर्ग को मिलने की उम्मीद है.

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