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नहीं रहे पद्म भूषण से सम्‍मानित दिग्‍गज बैंकर एन वाघुल, ICICI बैंक की बदल दी थी तस्‍वीर

एन. वाघुल ने आईसीआई बैंक (ICICI) के चेयरमैन के तौर पर साल 1985 में कार्यभार संभाला था. इन्‍होंने प्राइवेट सेक्‍टर के इस बैंक को एक नए मुकाम पर पहुंचाया.

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Narayan Vaghul
Narayan Vaghul

भारत के पब्लिक सेक्‍टर के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से अपने सफर की शुरूआत करने वाले और मात्र 44 साल की उम्र में सबसे युवा के तौर पर चेयरमैन की कुर्सी पर बैठने वाले नारायणन वाघुल  का 18 मई को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. वो पिछले दो दिनों से नाजुक हालत में चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर थे. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अचानक गिरने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके परिवार में पत्‍नी के अलावा एक बेटी और बेटा हैं. 

बदल दी थी ICICI बैंक की तस्‍वीर 
एन. वाघुल ने आईसीआई बैंक (ICICI) के चेयरमैन के तौर पर साल 1985 में राजीव गांधी की सरकार के समय में कार्यभार संभाला था. इन्‍होंने प्राइवेट सेक्‍टर के इस बैंक को एक नए मुकाम पर पहुंचाया. आईसीआई बैंक (ICICI) बैंक ने जो मानक स्थापित किया, उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान था. साल 1994  आईसीआई (ICICI) कोइ बैंक के तौर पर मान्‍यता दिलाने में भी इनका बहुत बड़ा योगदान था. 

2010 में मिला था पद्म भूषण 
राजीव गांधी के शासनकाल में वाघुल को ICICI Bank का हेड बनने के लिए कहा गया था.  इन्‍हें साल 2010 में ट्रेड और इंडस्‍ट्री कैटेगरी में पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया था.  साल 2023 में नारायणन वाघुल ने 'रिफ्लेक्शन्स' नाम से अपना संस्मरण जारी किया था, जिसमें भारत के फाइनेंस सेक्‍टर में कई दशकों तक फैले उनके अनुभवों का एक विवरण था. 

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आनंद महिंद्रा हुए भावुक 
महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट शेयर करते हुए लिखा कि आज, मैं भारतीय बैंकिंग के भीष्म पितामह एन. वाघुल, जिनका आज सुबह निधन हो गया, के लिए शोक व्यक्त करता हूं. मैं न केवल भारतीय व्यवसाय के दिग्गज के लिए शोक मनाता हूं, बल्कि मेरे अब तक के सबसे प्रेरणादायक और उदार लोगों में से एक रहे हैं. 

आरबीआई गवर्नर ने भी जताया शोक 
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एन.वाघुल के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. एक दूरदर्शी व्यक्ति ने भारत के फाइनेंस सेक्‍टर में बहुत बड़ा योगदान दिया. उनके साथ हर बातचीत ताजा है. उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले. 

गौरतलब है कि इन्‍होंने कुछ और कंपनियों के साथ काम किया. बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के भी ये सबसे युवा चेयरमैन बने थे. बाद में ये विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अपोलो हॉस्पिटल और मित्तल स्‍टील जैसी कंपनियों में बड़े पर पर रहे.  

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