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Silver Price Hike: ये चांदी रुकने वाली नहीं है? कीमत फिर रिकॉर्ड हाई के करीब, 3 बड़े कारण

भारत की बात करें तो यहां भी चांदी की कीमतों में मजबूती बनी हुई है. MCX पर दिसंबर मल्टी-कमोडिटी कांट्रैक्ट 1,63,650 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया. जबकि मार्च 2026 कांट्रैक्ट 1,67,360 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ.

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चांदी की चमक फिर बढ़ी. (Photo: ITG)
चांदी की चमक फिर बढ़ी. (Photo: ITG)

चांदी  (Silver) की कीमतें एक बार फिर जोर पकड़ने लगी हैं, कुछ लोग चांदी की चाल को देखकर कह रहे हैं कि जब पिछले महीने चांदी की कीमत MCX पर गिरकर 1.40 लाख रुपये से नीचे फिसल गई थी, तब क्यों नहीं खरीद ली. 

दरअसल, पिछले साल से चांदी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पिछले महीने फेस्टिव सीजन के दौरान चांदी की कीमत बढ़कर 1,70,415 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. जबकि चांदी के भाव का 52 वीक लो 97515 रुपये प्रति किलो है. 

अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में गिरावट के बाद चांदी अब फिर चांदी कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. खासकर ग्लोबल बाजारों में कीमतें जोर पकड़ रही हैं. 28 नवंबर 2025 को चांदी (Spot Silver) 1.4% बढ़कर $54.18 प्रति औंस पर बंद हुई, जो इसके ऐतिहासिक उच्चतम स्तर ($54.50/औंस) के बेहद करीब है.

चांदी की कीमतों में फिर जोरदार उछाल

इस तेजी के पीछे दो बड़ी वजहें हैं, मजबूत औद्योगिक मांग और यह उम्मीद कि Federal Reserve (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) जल्द ही ब्याज दरें घटा सकता है. जिससे चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. जानकार संभावना जता रहे हैं कि वो दिन दूर नहीं है, जब चांदी की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंच जाए. 

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अगर भारत की बात करें तो यहां भी चांदी की कीमतों में मजबूती बनी हुई है. MCX पर दिसंबर मल्टी-कमोडिटी कांट्रैक्ट 1,63,650 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया. जबकि मार्च 2026 कांट्रैक्ट 1,67,360 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ, जो कि 0.83% की बढ़त दर्शाता है.  इस बीच शुक्रवार को चांदी की कीमतों में 1400 रुपये प्रति किलो की तेजी देखी जा रही है, भाव 163900 रुपये तक पहुंच गई है. 

डिमांड में अचानक तेजी

दरअसल, फेस्टिव के बाद देश में वेडिंग सीजन चल रही है, जिससे सोने-चांदी की डिमांड बनी हुई है. ज्वेलर्स कह रहे हैं कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से अब अधिकतर ग्राहक चांदी पर फोकस कर रहे हैं. 

वहीं विश्लेषकों का कहना है कि इस रैली के पीछे औद्योगिक और निवेश दोनों तरह की मांग है. चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और बैटरी-निर्माण जैसे उद्योगों में हो रहा है. चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण ये भी है कि सप्लाई में कमी. विश्वभर में खनन और उत्पादन पर्याप्त नहीं हो पा रहा, जबकि मांग लगातार बढ़ रही है. इस असंतुलन (supply deficit) के कारण चांदी की कीमतों में उछाल आ रहा है. 

ऐसे में संभावना है कि अगर US डॉलर और कमजोर रहे, चांदी की औद्योगिक मांग बरकरार रहा, और निवेश के तौर पर चांदी की खरीदारी बढ़ती रहे, तो जल्द ही भाव ऑल टाइम हाई पर होगा. 

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