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सिर्फ दो दिन का इंतजार... 1 अक्टूबर को होगा बड़ा ऐलान, RBI घटा सकता है Repo Rate!

RBI May Cut Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक सोमवार 29 सितंबर को शुरू हो रही है. इसमें लिए गए फैसलों का ऐलान अक्टूबर की पहली तारीख को होगा. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट घटा सकता है.

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1 अक्टूबर को आरबीआई गवर्नर करेंगे एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान (File Photo: PTI)
1 अक्टूबर को आरबीआई गवर्नर करेंगे एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान (File Photo: PTI)

सितंबर का महीना खत्म होने वाला है और दो दिन बाद अक्टूबर का महीना कई बड़े बदलाव (Rule Change From 1st October) लेकर शुरू होने वाला है. इस बीच फेस्टिव सीजन में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन के साथ ही UPI से लेकर NPS तक के नियम बदलेंगे. तो वहीं दूसरी ओर लोन लेने वाले भी 1 अक्टूबर का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे महीने की पहली तारीख को ही आने वाले हैं. एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में उम्मीद जाहिर की गई है कि केंद्रीय बैंक महंगाई में नरमी बने रहने के संभावना के चलते रेपो रेट में कटौती (Repo Rate Cut) कर दिवाली गिफ्ट दे सकता है. 

5.25% पर आ सकता है रेपो रेट!
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की इस फाइनेंशियल ईयर की चौथी बैठक 29 सितंबर को शुरू होगी और इस बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान 1 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा. पीटीआई के मुताबिक, SBI रिसर्च रिपोर्ट में ये अनुमान जताया गया है कि केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में 25 आधार अंकों या 0.25% की कटौती कर सकता है. इसमें एनालिस्ट ने कहा है कि यह आरबीआई के लिए सर्वोत्तम संभावित विकल्प है.

अगर ऐसा होता है, तो फिर Repo Rate कम होकर 5.25% रह जाएगा, जो कि फिलहाल 5.50%  है. Repo Rate  घटने का सबसे ज्यादा फायदा लोन लेने वाले ग्राहकों पर देखने को मिलेगा, जिनके लोन की ईएमआई घट सकती है. हालांकि, एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में कुछ अन्य एक्सपर्ट ने ये संभावना भी व्यक्त की है, कि आरबीआई फिर से रेपो रेट को स्थिर रखने का विकल्प चुन सकता है.

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रेपो रेट कट की उम्मीद क्यों?
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) कल सोमवार को ब्याज दरों को लेकर विचार-विमर्श शुरू करेगी. रेपो रेट में कटौती की उम्मीद जाहिर किए जाने के पीछे के कारणों की बात करें, तो रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव के साथ ही अमेरिका द्वारा भारतीय शिपमेंट पर 50 फीसदी का हाई टैरिफ लगाए जाने से होने वाले असर के चलते ऐसा फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, इसे लेकर तस्वीर अगले हफ्ते बुधवार को आरबीआई के ऐलान के साथ ही साफ हो पाएगी. 

यहां बता दें कि इस साल 2025 में केंद्रीय बैंक द्वारा अब तक की गईं चार एमपीसी बैठकों में से तीन में रेपो रेट कट किया गया. फरवरी, अप्रैल, जून की बैठकों में लगातार इसमें कटौती की गई और ये 6.50% से 100 बेसिस पॉइंट कम होकर 5.50% पर आ गया. हालांकि, अगस्त महीने में हुई बैठक में इसे यथावत रखा गया था. 

महंगाई में नरमी से कटौती संभव
क्रिसिल लिमिटेड के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी के हवाले से पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीद है कि मंहगाई में नरमी बनी रहने के कारण अक्टूबर तक रेपो दर में कटौती हो सकती है. कोर मंहगाई दर, जो अतिरिक्त डिमांड दबाव का संकेत देती है और सोने की बढ़ती कीमतों के महत्वपूर्ण प्रभाव के बावजूद ऐतिहासिक मानकों से कम बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से भी मुद्रास्फीति को और कम करने में मदद मिलेगी.

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वहीं दूसरी ओर एमपीसी बैठक में लिए जाने वाले फैसलों के आउटलुक पर बात करते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि इस बार रेपो दर में किसी भी बदलाव की गुंजाइश सीमित है, लेकिन बाजार का मानना ​​है कि मौजूदा माहौल को देखते हुए, दरों में कटौती जरूर होगी. 

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