हरियाणा में जिले के जैजैवंती गांव के एक व्यक्ति ने अपने घर में बेटी पैदा होने पर पांच गांवों के लोगों को भोज कराया और पूरे धूम-धाम से कुआं पूजन करवाया.
लड़की की परवरिश लड़कों से बेहतर
बेटी के पिता बने संदीप ने कहा कि उसे बहुत खुशी है कि सबसे पहले उनके यहां बेटी ने जन्म लिया है. आज लड़का व लड़की में कोई फर्क नहीं है. वह लड़की की परवरिश लड़कों से बेहतर करेंगे. लड़की माता-पिता की सेवा लड़कों से बेहतर करती हैं.
दूसरे गांवों के लोगों को करते हैं जागरूक
गांव की सरपंच सविता ने कहा कि रमेश कामरेड ने अपने बेटे संदीप के बेटी पैदा होने पर पांच गांवों के लोगों को भोज करवाकर, डीजे एवं ढोल-नगाड़ों के साथ कुआं पूजन करके जो खुशी मनाई है वह काबिले तारीफ है. उन्होंने साबित कर दिया है कि आज लड़का व लड़की में कोई अंतर नहीं है. पूरा गांव लड़की पैदा होने पर खुशी मनाता है. ग्रामीण दूसरे गांवों के लोगों को कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जागरूक कर रहे हैं.
लिंगानुपात में जिले में प्रथम
सविता के पति और पंच राजेश ने कहा कि गांव लिंगानुपात में जिले में प्रथम रहकर एक लाख रुपये का ईनाम जीत चुका है. गांव में समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करके लड़कियों को सम्मानित भी किया जाता है. कन्या भूण हत्या के बारे में समय-समय पर ग्रामीणों को जागरूक भी किया जाता है.
इनपुट- भाषा