PowerGrid InvIT का आईपीओ किसी सरकारी कंपनी द्वारा देश में लाया गया ऐसा पहला आईपीओ है. इससे पहले देश में दो और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) शेयर बाजार में लिस्ट हो चुके हैं. PowerGrid InvIT आईपीओ की ओनरशिप पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के पास है.
(Photos: File)
ये आम लोगों के लिए एक तरह का निवेश विकल्प है. इसके तहत रिटेल या इन्स्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स बिजली ट्रांसमिशन, सड़क या अन्य किसी इन्फ्रास्टक्चर परियोजना में निवेश कर हिस्सेदारी ले सकते हैं. इन परियोजनाओं से होने वाली आय का एक हिस्सा उन्हें रिटर्न के तौर पर मिलता है. इसमें निवेशक को एक स्थायी रिटर्न मिलता रहता है.
PowerGrid InvIT के आईपीओ में कंपनी ने कुल 7,735 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें 4,993.5 करोड़ रुपये नई यूनिट्स जारी करके जबकि 2,741.5 करोड़ रुपये मौजूदा निवेशकों को यूनिट्स पेश करके जुटाए जाने हैं.
PowerGrid InvIT के आईपीओ में 75% हिस्सा इन्स्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. इसमें भी 60% एंकर इन्वेस्टर्स के लिए है जिनसे 3,480 करोड़ रुपये जुटाए भी जा चुके हैं. पूरे आईपीओ का कम से कम 25% हिस्सा नॉन-इन्स्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को ऑफर किया जाएगा.
PowerGrid InvIT का आईपीओ गुरुवार 29 अप्रैल को खुल गया है. ये 3 मई तक खुला रहेगा. इसमें निवेश करने के लिए कंपनी ने प्रति यूनिट ऑफर प्राइस 99 से 100 रुपये तय किया है. इसके शेयर BSE और NSE पर लिस्ट होंगे.
अगर आप PowerGrid InvIT के आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो एक बात जरूर ध्यान रखें कि इसके हर लॉट में 1,100 यूनिट्स रखी गई हैं. ऐसे में अगर 100 रुपये प्रति यूनिट के प्राइस बैंड के आधार पर देखें तो आपको इस आईपीओ में निवेश के लिए न्यूनतम 1,10,000 रुपये चाहिए. इसके बाद आप इतने के मल्टीप्लाई में ही निवेश कर सकते हैं.
PowerGrid InvIT की ओनरशिप पावरग्रिड कॉरपोरेशन के पास है. ये देश की सबसे बड़ी बिजली ट्रांसमिशन कंपनी है और इसके पास सबसे अधिक ट्रांसमिशन लाइन भी है. इतना ही नहीं पावरग्रिड कॉरपोरेशन की आय बिजली ट्रांसमिशन शुल्क के रूप में होती है. इससे कंपनी की एक निश्चित आय तय है. वहीं भारतीय बाजार में इसका कॉम्पटिशन में कम कंपनियां है इसलिए PowerGrid InvIT के आईपीओ से कंपनी अपनी इस क्षमता को और बढ़ा सकती है जिससे उसकी आय और अच्छी रहेगी. (Photo : PowerGrid)
PowerGrid InvIT के आईपीओ में अगर जोखिम की बात करें तो ये एक नया सेटअप है. इसकी ज्यादा पुरानी फाइनेंशियल या ऑपरेटिंग हिस्ट्री भी नहीं है. ऐसे में भविष्य में इसकी क्या वृद्धि होगी अभी पता लगा पाना मुश्किल है. वहीं कंपनी की आय का मुख्य साथ सरकारी डिस्कॉम के साथ तय होने वाली शुल्क दरें हैं जिसके भुगतान में देरी हो सकती है और इससे कंपनी के पावर ग्रिड के कैशफ्लो पर असर पड़ सकता है. (Photo : Reuters)