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उबर ड्राइवर के फ्री इंश्योरेंस के लिए लॉन्च हुआ राइड शेयरिंग प्रोग्राम

उबर इंडिया ने बताया कि उनके पास भारत में 450,000 से अधिक ड्राईवर हैं. ये कार्यक्रम और भागीदारी ड्राईवर्स को उबर चलाते हुए 'अपनापन' का अनुभव प्रदान करने की कोशिश है.

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4.5 लाख ड्राइवरों को होगा इसका फायदा
4.5 लाख ड्राइवरों को होगा इसका फायदा

उबर ने भारत में ड्राइवर पार्टनर्स के लिए ड्राईव को आकर्षक बनाने के लिए देश का पहला राइड शेयरिंग इंश्योरेंस प्रोग्राम लांच किया. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के साथ साझेदारी में यह पॉलिसी ड्राईवर पार्टनर्स को उबर एप पर ऑनलाइन रहते हुए वाहन चलाते वक्त या ट्रिप के लिए तैयार होने पर रास्ते में या फिर उबर ट्रिप पर दुर्घटना की स्थिति में दुर्घटनावश मृत्यु या विकलांगता, हॉस्पिटलाईजेशन एवं आउटपेशेंट मेडिकल इलाज के लिए निशुल्क कवरेज प्रदान करती है.

उबर इंडिया के केंद्रीय परिचालन प्रमुख प्रदीप परमेश्वरन ने बताया, "आज हमारे पास भारत में 450,000 से अधिक ड्राईवर हैं. ये कार्यक्रम और भागीदारी हमारे ड्राईवर्स को उबर चलाते हुए 'अपनापन' का अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब हैं."

उन्होंने बताया कि कंपनी ने ड्राईवर पार्टनर्स को एक्सीडेंट इंश्योरेंस देने के लिए निजी क्षेत्र के प्रमुख नॉन-लाईफ इंश्योरर- आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के साथ साझेदारी की है. जिसके तहत 18 से 65 वर्ष की आयुवर्ग के ड्राईवर पार्टनर्स को उबर एप का उपयोग करते वक्त तथा यात्रा के लिए उपलब्ध होने पर, मार्ग में या फिर उबर की ट्रिप पर होने के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु और विकलांगता, हॉस्पिटलाईजेशन तथा आउटपुट मेडिकल उपचार के लिए कवरेज प्रदान करता है. यह इंश्योरेंस कवर ड्राईवर पार्टनर्स को निशुल्क प्रदान किया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत किया गया कवर आज से प्रभावी होगा (29 अगस्त)। दिए जाने वाले कवरेज में मृत्यु की स्थिति में 5 लाख रु., स्थायी विकलांगता की स्थिति में 5 लाख रु. तक, हॉस्पिटलाईजेशन की स्थिति में 2 लाख रु. तक का कवरेज शामिल है, जिसमें आउटपेशेंट इलाज के लिए 50,000 रु. तक की सब-लिमिट तय की गई है.

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भार्गव दासगुप्ता ने बताया, "आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हमेशा से नॉन-लाईफ इंश्योरेंस समाधान पेश करने में सबसे आगे रहा है, जो बाजार की बदलती परिस्थितियों तथा विकसित होते ट्रेंड्स को संबोधित करता है."

इसके अलावा कंपनी ने कई नए कार्यक्रम लांच किए हैं. जिनमें ड्राईवर डेस्टिनेशन के तहत ड्राईवर दिन में दो बार अपने डेस्टिनेशन स्थापित कर सकते हैं और उबर उन्हें अपने रास्ते में पड़ने वाली ट्रिप के निवेदन भेजेगा, जिससे ड्राईवर की अनुपलब्धता और निरस्तीकरण की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी. उदाहरण के लिए यदि ड्राईवर कनॉट प्लेस डालता है और वो गुड़गांव में है, तो उसे उन्हीं राईड का निवेदन मिलेगा, जो गुड़गांव से सीपी जाने के लिए होंगी, उसे विपरीत दिशा में नहीं भेजा जाएगा.

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वहीं, बैक-टू-बैक ट्रिप्स के तहत जब ड्राईवर की ट्रिप पूरी होने वाली होगी, तो उसे अपनी अगली ट्रिप का निवेदन मिलेगा. इससे ड्राईवर का खाली खड़े रहने का समय कम हो जाएगा और राईडर्स को जल्दी से जल्दी कार मिल सकेगी.

उबर ने एक 'पॉज बटन' पेश किया है, ताकि ड्राईवर पार्टनर भोजन, ईंधन भरवाने या फिर थोड़ी देर के लिए अवकाश ले सकें. हीट मैप ड्राईवर्स को अनुशंसित इलाके प्रदान करता है, जहां उन्हें उस स्थान की मांग व आपूर्ति के आधार पर अगली राईड प्राप्त करने की सर्वाधिक संभावना होती है. इसका मतलब है कि ट्रिप के लिए उन्हें कम इंतजार करना पड़ेगा और ईंधन की खपत भी कम होगी.

 

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