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क्‍या Uber ने जानबूझकर उठाया नुकसान? SC ने दिए जांच के आदेश

ऑनलाइन कैब सर्विस देने वाली कंपनी उबर इन दिनों विवादों में है. उबर पर आरोप है कि कंपनी ने भारत में बिजनेस बढ़ाने के लिए जानबूझकर नुकसान उठाया है.

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SC ने दिए जांच के आदेश
SC ने दिए जांच के आदेश

  • उबर पर भारत में कारोबारी नियमों के उल्‍लंघन का आरोप
  • सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दिए जांच के आदेश

ऑनलाइन कैब सर्विस देने वाली अमेरिकी कंपनी उबर पर भारत में कारोबारी नियमों के उल्‍लंघन का आरोप लगा है. उबर पर आरोप है कि कंपनी ने जानबूझकर हर राइड पर 200 रुपये का नुकसान उठाया है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं.

क्‍या है मामला

बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक साल 2015 में उबर की प्रतिद्वंदी Meru कैब ने कॉम्पिटिशन अपीलेट ट्रिब्यूनल (COMPAT) में उबर के खिलाफ शिकायत की थी. इस शिकायत में Meru कैब ने दावा किया कि देश में कारोबार बढ़ाने के लिए उबर जानबूझकर नुकसान उठा रही है. शिकायत में दावा किया गया था कि कारोबारी नियमों को तोड़ते हुए उबर प्रति सवारी 200 रुपये के करीब का नुकसान उठाकर ग्राहकों को सस्‍ते राइड उपलब्‍ध करा रही है. इसके अलावा कंपनी ड्राइवर्स को हैवी इंसेंटिव दे रही है. Meru कैब का कहना है कि उबर इस लालच के जरिए ड्राइवर्स को अपने प्‍लेटफॉर्म पर रखने के लिए मजबूर कर रही है. 

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आगे क्‍या हुआ

Meru कैब की इस शिकायत को कॉम्पिटिशन अपीलेट ट्रिब्यूनल ने जायज ठहराते हुए कहा था कि उबर के खिलाफ पर्याप्‍त सबूत हैं. ट्रिब्‍यूनल ने मामले में जांच के आदेश दे दिए. इस फैसले के खिलाफ उबर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब सुप्रीम कोर्ट ने उबर की याचिका खारिज करते हुए ट्रिब्‍यूनल के आदेश को बरकरार रखा है.

कोर्ट ने CCI के डायरेक्‍टर जनरल (DG) को आदेश देते हुए कहा है, '' दिल्ली-एनसीआर के रेडियो टैक्सी कारोबार में उबर बड़ी कंपनी है. ऐसे में से DG से उम्‍मीद रहेगी कि वह मामले की जांच कर बताएं कि क्‍या कंपनी ने कारोबारी नियमों को तोड़ा है. इसके साथ ही इसका असर अन्‍य प्रतिद्वंदियों पर कितना पड़ा है, इसकी भी जानकारी मिलनी चाहिए.''

यहां बता दें कि ट्रिब्यूनल में जाने से पहले Meru कैब ने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) में उबर के खिलाफ शिकायत की थी. लेकिन CCI ने Meru कैब की शिकायत खारिज कर दी थी.

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