कोरोना संकट और लॉकडाउन से इकोनॉमी-कॉरपोरेट के परेशान होने के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज की तकदीर में लगातार नकदी आ रही है. रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की होड़ लगी है. अब सऊदी अरब का पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF) जियो में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेगा.
PIF दुनिया के सबसे बड़े और प्रभावी सॉवरेन फंड में से है. सॉवरेन फंड किसी देश की सरकार के द्वारा संचालित होता है. इस तरह पिछले दो महीने में विदेशी कंपनियां रिलायंस समूह की कंपनी जियो (Jio Platforms) में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर चुकी है.
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इसके साथ ही Jio Platform में कुल निवेश करीब 1,15,693.95 करोड़ रुपये का हो चुका है. इस तरह रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स का कुल 25 फीसदी हिस्सा विदेशी कंपनियों के हाथ में हो जाएगा. रिलायंस की योजना भी 25 फीसदी तक अपनी हिस्सेदारी बेचने की है. रिलायंस समूह इस तरह से अपने को कर्जमुक्त करना चाहता है.
इस निवेश के बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, 'रिलायंस में हमारा कई दशकों से सऊदी अरब के शाही परिवार से अच्छा रिश्ता रहा है. एक तेल इकोनॉमी से यह रिश्ता अब भारत के नए तेल इकोनॉमी डेटा आधारित को मजबूत करने जा रहा है जो कि पीआईएफ इनवेस्टमेंट के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश से स्पष्ट है.'
निवेश की कतार
गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्ते में रिलायंस जियो में आधा दर्जन से ज्यादा विदेशी निवेश हासिल हुए हैं. PIF से पहले इस कतार में सबसे हाल का नाम TPG और L Catterton का है. इन दोनों कंपनियों ने जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (JPL) में क्रमश: 0.93 फीसदी और 0.39 फीसदी हिस्सा 4,546.80 करोड़ रुपये और 1,894.50 करोड़ रुपये में हासिल किया है. इसके पहले फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक, केकेआर और मुबाडला जैसी विदेशी कंपनियां भी रिलायंस में निवेश का सौदा कर चुकी हैं.
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सबसे चर्चित डील
हाल की रिलायंस की सबसे चर्चित डील रही है दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी फेसबुक के साथ. फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके बाद सिल्वर लेक ने 5,656 करोड़ के निवेश से 1.15 फीसदी हिस्सेदारी, विस्टा इक्विटी ने 11,367 करोड़ रुपये के निवेश से 2.32 फीसदी हिस्सेदारी और जनरल एटलांटिक ने 6,598 करोड़ रुपये के निवेश से 1.34 फीसदी हिस्सेदारी लेने का ऐलान किया.
केकेआर ने भी जियो प्लेटफॉर्म्स में 11,367 करोड़ रुपये के निवेश से 2.32 फीसदी हिस्सेदारी तो मुबाडला ने 9,093 करोड़ रुपये के निवेश से 1.85 फीसदी हिस्सेदारी लेने का ऐलान किया.