आलू के प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात के गांधीनगर में ''तीसरे विश्व आलू सम्मेलन'' का आगाज होने वाला है. इस सम्मेलन की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के संबोधन से होगी. पीएम मोदी आज यानी मंगलवार को रिमोट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आलू सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
नए दशक का रोडमैप
इस सम्मेलन के प्रमुख मुद्दों में पौध रोपण सामग्री, आपूर्ति श्रृंखला की कमी, खेती के बाद होने वाले नुकसान, प्रसंस्करण बढ़ाने की आवश्यकता, निर्यात और विविध उपयोग तथा आवश्यक नीतिगत सहायता - यानी लंबी दूरी के परिवहन, निर्यात संवर्धन के लिए उत्पादन और प्रमाणित बीजों का इस्तेमाल शामिल हैं.
सम्मेलन के संबोधन के दौरान पीएम मोदी संपूर्ण उपलब्धियों और अवसरों की समीक्षा करने के साथ ही इस क्षेत्र में नए दशक के लिए एक रोडमैप पेश कर सकते हैं. यहां बता दें कि विश्व आलू सम्मेलन का आयोजन भारतीय आलू एसोसिएशन (आईपीए) ने दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, शिमला स्थित आलू अनुसंधान संस्थान और पेरू के अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र (सीआईपी) के सहयोग से किया है.
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दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है. बीते एक दशक में भारत में आलू के उत्पादन में 52.79 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2008-09 देश में आलू का कुल उत्पादन 346.6 लाख टन था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 529.59 लाख टन हो गया.
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वहीं निर्यात की बात करें तो देश के कुल उत्पादन का एक फीसदी भी आलू निर्यात नहीं होता है. भारत के जो मुख्य निर्यातक देश हैं उनमें- नेपाल, श्रीलंका, ओमान, इंडोनेशिया, मलेशिया और मॉरीशस शामिल हैं. इनमें सबसे ज्यादा निर्यात नेपाल को होता है. वहीं भारत में गुजरात से सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन होता है. यह राज्य खेती के लिए आधुनिक तरीकों जैसे पानी का छिड़काव करने वाले और ड्रीप सिंचाई यंत्रों का इस्तेमाल करता है.