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नई ई-कॉमर्स नीति छह महीने में, डाटा सुरक्षा समेत इन मुद्दों पर होगा फोकस

देश में ई-कॉमर्स मार्केट तेजी से विकसित हो रहा है. तेजी से बढ़ते इस बाजार को नियमबद्ध करने के लिए सरकार अब नई ई-कॉमर्स नीति लाने की तैयारी कर रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

देश में ई-कॉमर्स मार्केट तेजी से विकसित हो रहा है. तेजी से बढ़ते इस बाजार को नियमबद्ध करने के लिए सरकार अब नई ई-कॉमर्स नीति लाने की तैयारी कर रही है. इस काम के लिए एक टास्क फोर्स बनाई गई है. यह टास्क फोर्स अगले 6 महीनों के भीतर नई नीति तैयार करेगी. नई नीति में ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म को अध‍िसूच‍ित करने के साथ ही डाटा सुरक्षा समेत अन्य मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा.

नेशनल पॉलिसी ऑन ई-कॉमर्स का प्रारूप तैयार करने के लिए बने थिंकटैंक ने इस टास्क फोर्स का गठन किया है. इस फोर्स का गठन मंगलवार को हुई मीटिंग में किया गया था. इस थ‍िंकटैंक का गठन इंडस्ट्री मिनिस्टर सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में किया गया था.

मीटिंग के बाद वाण‍िज्य सचिव रीता तिओतिया ने बताया कि बैठक में ई-कॉमर्स से जुड़े कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. इसमें टैक्सेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीक, डाटा सुरक्षा और स्पर्धा के माहौल को लेकर बात हुई. उन्होंने बताया कि इन सभी मुद्दों को लेकर विचार विमर्श करने की खातिर टास्क फोर्स बनाई गई है. इसके साथ ही उप-समूह भी बनाने का फैसला लिया गया है.

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उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स अगले 5 महीनों के भीतर इन मुद्दों को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और इसे थ‍िंकटैंक के सामने रखेगी. इसके बाद थ‍िंकटैंक 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा. उसके बाद ई-कॉमर्स को लेकर नई नीति तैयार की जाएगी. तियोतिया ने कहा कि घरेलू इंडस्ट्री के सामने कई समस्याएं पेश आ रही हैं. इनको देखते हुए एक नीति तैयार करना जरूरी है.  

बता दें कि पिछले दिनों आए दो सर्वे में सामने आया है कि ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल से खरीदारों को नकली सामान भेजा जाता है. एक सर्वे के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले हर तीसरे शख्स को नकली सामान मिलता है. सर्वे के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों के ख‍िलाफ लागातर श‍िकायतें बढ़ रही हैं.

ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर हाल ही में दो सर्वे हुए. इनमें से एक मार्केट रिसर्च और एनालिटिक्स कंपनी वेलोसिटी एमआर नाम की कंपनी ने किया है. कंपनी के मुताबिक सर्वे में शामिल हर तीसरे शख्स में से एक को नकली सामान मिला है. सर्वे में यह भी सामने आया है कि ब्रांड जितना पॉप्युलर होता है और जिसकी बिक्री ज्यादा होती है, उस ब्रांड के नाम पर नकली सामान काफी ज्यादा बिकता है.

दूसरा सर्वे लोकलसर्क‍िल नाम की कंपनी ने किया है. कंपनी के सर्वे में सामने आया कि इसमें शामिल लोगों में से 38 फीसदी को पिछले एक साल के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग करने पर नकली सामान मिला है. इन लोगों को यह नकली सामान लीडिंग ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल पर खरीदारी करने पर मिला है. ई-कॉमर्स पॉलिसी नकली सामान पर लगाम कसने के लिए भी नियम बना सकती है.

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