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देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्‍तर पर, इकोनॉमी के लिए अच्‍छी खबर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 3.091 अरब डॉलर बढ़कर 476.092 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.

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विदेशी मुद्रा भंडार 476.092 अरब डॉलर पर
विदेशी मुद्रा भंडार 476.092 अरब डॉलर पर

  • विदेशी मुद्रा भंडार 476.092 अरब डॉलर पर
  • इसका फायदा देश की इकोनॉमी को मिलेगा

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.091 अरब डॉलर बढ़कर 476.092 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. यह सुस्‍त पड़ी भारतीय इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है.

आरबीआई के मुताबिक मुद्रा भंडार में तेजी का सबसे बड़ा कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का बढ़ना है. इस सप्‍ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 2.763 अरब डॉलर बढ़कर 441.949 अरब डॉलर हो गईं.

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बता दें कि 7 फरवरी को समाप्‍त सप्‍ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.701 अरब डॉलर बढ़कर 473 अरब डॉलर हो गया था. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 14 फरवरी को समाप्‍त सप्‍ताह में स्वर्ण भंडार 34.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 29.123 अरब डॉलर हो गया है.

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विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्थिति में

बीते 31 जनवरी को पेश आर्थिक सर्वे में बताया गया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्थिति में है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी-2020 तक 461.2 बिलियन डॉलर रहा, जो बीते साल के मुकाबले बढ़ा है. साल 2018-19 में 412.9 बिलियन डॉलर रहा था. साल 2017-18 में विदेशी मुद्रा भंडार 424 बिलियन डॉलर था जो 2018-19 में 412.9 बिलियन डॉलर रह गया.

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विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने के मायने

इसका सबसे बड़ा फायदा देश की इकोनॉमी को होगा. दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सके. यह भंडार एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखे जाते हैं. आमतौर पर भंडार डॉलर या यूरो में रखा जाता है. विदेशी मुद्रा भंडार पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है.

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