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अब इस सरकारी कंपनी में केवल कॉन्ट्रैक्ट पर होंगी भर्तियां!

इस समय सरकार के पास बीएसएनएल और एमटीएनएल के रिवाइवल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

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कंपनी को संकट से उबारने की कोशिश
कंपनी को संकट से उबारने की कोशिश

आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी दूरसंचार कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए केंद्र सरकार 74,000 करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज पर विचार कर रही है. वहीं दूसरी ओर नई भर्तियों पर भी लगाम लगाने का रास्ता निकाला जा रहा है. खबर के मुताबिक भविष्य में जो भी भर्तियां की जाएंगी सभी कॉन्ट्रैक्ट पर करने का भी प्रस्ताव है. इसमें तत्काल वीआएस देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL में 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों की सैलरी का बोझ दूरसंचार विभाग और केंद्र सरकार के बीच बांटने का प्रस्ताव आया है. रिपोर्ट की मानें तो इस प्रस्ताव पर गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाएगा. इस कैबिनेट बैठक में बीएसएनएल को एमटीएनएल में विलय करने पर भी चर्चा की संभावना है.

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इस मामले से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अगर कैबिनेट ने इस नए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तो फिर तत्काल वीआरएस लागू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक कंपनी भविष्य में जो भी भर्तियां करेगी वह  कॉन्ट्रैक्ट पर होंगी. इससे कंपनी को पेंशन का खर्च बचेगा साथ ही अन्य कई भत्तों से कंपनी को बचत होगी.

दरअसल इस समय सरकार के पास बीएसएनएल और एमटीएनएल के रिवाइवल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. हाल ही में सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने भी कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए सरकार से मदद मांगी थी. बीते फरवरी महीने में BSNL कर्मचारियों को सैलरी मिलने में देरी हुई थी, वहीं जून में भी कर्मचारियों को सैलरी संकट का डर बना हुआ था. बीएसएनल के कर्मचारियों को महीने के आखिरी या अगले महीने के पहले वर्किंग डे तक सैलरी मिल जाती है.

बता दें, पिछले चार सालों में BSNL का घाटा 4800 करोड़ रुपये से बढ़कर 14 हजार करोड़ के पार कर गया है. संसद में जानकारी देते हुए दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कंपनी की कमाई का 75 फीसदी हिस्सा केवल कर्मचारियों की सैलरी देने में खर्च हो रहा है.

सरकार देगी बेलआउट पैकेज

बीएसएनएल देश की सबसे ज्यादा घाटे वाली सरकारी कंपनी है, जबकि एमटीएनएल इस लिस्ट में तीसरे पायदान पर है. लिस्ट में दूसरे नंबर पर एअर इंडिया का नाम है. इस बीच दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल से सभी तरह के ठेके और खरीदारी के ऑर्डर जारी करने का काम रोक देने को कहा है.

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