भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सहकारी बैंक पर बड़ा एक्शन लिया है और इसका लाइसेंस रद्द (RBI Cancels Bank Licence) कर दिया है. आरबीआई की ओर से आदेश जारी करते हुए प्रेस रिलीज के जरिए ये जानकारी शेयर की गई है. ये बैंक है Karwar Urban Co-operative Bank, जिसे लेकर केंद्रीय बैंक की ओर से कहा गया है कि इसका चालू रहना जमाकर्ताओं के लिए एक खतरा है.
इस वजह से बंद हुआ बैंक का लाइसेंस
RBI की प्रेस रिलीज के मुताबिक, बैंक ने बीते 22 जुलाई 2025 के आदेश में कहा कि द कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके साथ ही सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, कर्नाटक से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का भी अनुरोध किया गया है. लाइसेंस रद्द होने के साथ ही कारवार सहकारी बैंक को बैंकिंग बिजनेस से तत्काल प्रभाव से बैन किया गया है. इसके पीछे बड़ा कारण बैंक के पास पर्याप्त पूंजी का न होना और आगे के लिए आय की संभावनाएं नहीं होना बताया गया है.
ग्राहकों के हित में लिया गया फैसला
रिजर्व बैंक ने बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 5(B) के तहत कारवार सरकारी बैंक पर तत्काल प्रभाव से ये प्रतिबंध लगाया है. इसके अलावा प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ये बैंक धारा 11(1) और धारा 22(3)(D) के प्रावधानों का भी अनुपालन नहीं करता है. ऐसे में बैंक का चालू रहना उसके जमाकर्ताओं के हित में नहीं है.
केंद्रीय बैंक ने इस Co-oprative Bank का लाइसेंस रद्द करते हुए साफ कर दिया है कि यह अपनी वर्तमान फाइनेंशियल स्थिति के कारण जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ है. ऐसे में अगर बैंक को अपना कारोबार आगे भी जारी रखने की परमिशन दी गई तो ये जनता के लिए हितकर नहीं होगा.
ग्राहक निकाल सकेंगे सिर्फ इतनी रकम
अगर आपका भी खाता इस बैंक में है, तो फिर आपके लिए ये जानना जरूरी है कि बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद आपकी जमा रकम का आखिर क्या होगा? तो बता दें कि ऐसी स्थिति में ग्राहकों को राहत देने के लिए RBI ने नियम तय किए हुए हैं और ग्राहकों के अकाउंट की सुरक्षा के लिए DICGC नामक संस्था को जिम्मा दिया गया है.
नियम के मुताबिक, किसी भी डूबने वाले बैंक में अकाउंट रखने वाले ग्राहकों की 5 लाख रुपये तक की रकम इंश्योर्ड रहती है. जिस तारीख को बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाता है या बैंक बंद करने का ऐलान कर दिया जाता है, उस तारीख में ग्राहक के अकाउंट में जो जमा और ब्याज होता है, उसमें से अधिकतम 5 लाख की निकासी की जा सकती है. फिर चाहे उनकी रकम सेविंग अकाउंट में जमा हो, फिक्स्ड डिपॉजिट में या फिर करंट अकाउंट में डिपॉजिट हो.
बैंक बंद होने के बाद भी ये राहत वाली बात
RBI ने भले ही कर्नाटक बेस्ड कारवार सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही कहा कि इसमें 92.9 फीसदी अकाउंट होल्डर्स ऐसे हैं, जो DICGC की 5 लाख रुपये की लिमिट में आते हैं. इसका मतलब है कि बैंक के ज्यादातर ग्राहक अपनी पूरी जमा राशि निकालने में सक्षम होंगे.