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खादी और ग्रामोद्योग में बंपर उछाल, KVIC के टर्नओवर पहली बार 1.5 लाख करोड़ पार

दस साल पहले, वित्त वर्ष 2013-14 में 5.62 लाख नई नौकरियां पैदा हुई थीं, उसमें वित्त वर्ष 2023-24 में 80.96 फीसदी का बंपर इजाफा हुआ है और इसने 10.17 लाख के आंकड़े को छू लिया है.

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तस्वीर प्रतीकात्मक है
तस्वीर प्रतीकात्मक है

खादी ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रोविजनल आंकड़े बुधवार को जारी किए. केवीआईसी (KVIC) के चेयरमैन मनोज कुमार ने कहा कि इन आकड़ों ने एक दशक के तमाम रिकार्ड को तोड़ दिया है.

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खादी उत्पाद की बिक्री में इन 10 सालों में (2013-14 के मुकाबले) लगभग 400 फीसदी का उछाल आया है और इसके उत्पादन में 315 प्रतिशत की बंपर बढ़ोतरी देखने को मिली है. जबकि इस दौरान 81 फीसदी नए रोजगार का सृजन हुआ है. वही 2022-23 वित्तीय वर्ष 332.14 फीसदी सेल,  267.52 प्रतिशत प्रोडक्शन और 69.75 परसेंट रोजगार के क्षेत्र में था.

मनोज कुमार ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के इस उल्लेखनीय प्रदर्शन ने 2047 तक 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने में अहम भूमिका अदा कर रहा है और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार केवीआईसी (KVIC) के उत्पादों की बिक्री वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है. वही पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.34 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी.

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'मोदी सरकार' के पिछले दस वित्तीय वर्षों में, ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरों द्वारा बनाए गए स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 31154.20 करोड़ रुपये ( वित्तीय वर्ष 2013-14) से बढ़कर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में ये बिक्री 155673.12 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान केवीआईसी के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में 10.17 लाख नई नौकरियों का सृजन हुआ है. जिससे ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई.

बढ़ रही खादी की मांग

बाजार में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसका असर उत्पादन, बिक्री और रोजगार के आंकड़ों में नजर आ रहा है. मनोज कुमार ने कहा कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़े बदलाव किए गए हैं. जिनके सकारात्मक परिणाम सामने हैं, ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि देश के लोगों का भरोसा और रुझान 'मेक इन इंडिया','वोकल फॉर लोकल' और 'स्वदेशी उत्पादों' की ओर बढ़ा है.

लोगों को मिला रोजगार

खादी ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करना है. पिछले दस वर्षों में केवीआईसी ने इस क्षेत्र में सफल रहा है और इसने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं.

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बंपर मुनाफा हुआ

खादी ग्रामोद्योग भवन दिल्ली के बिजनेस में भी पिछले दस वर्षों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. जो कारोबार वित्तीय वर्ष 2013-14 में 51.13 करोड़ रुपये था वो अब 87.23 फीसदी के उछाल के साथ 95.74 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2023-24 में हो गया है.

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