भारत-अमेरिका के बीच अटकी ट्रेड डील पर बात बनती हुई नजर आ रही है. एक नहीं, बल्कि अब इसके सही ट्रैक पर आगे बढ़ने के कई संकेत मिल रहे हैं. हाल ही में जहां India-US Trade Deal पर बातचीत के अगले दौर के लिए भारतीय वार्ताकारों की टीम के इसी हफ्ते अमेरिका जाने की खबर आई, तो वहीं अब अचानक दो महीने बाद भारतीय डाक ने अमेरिकी पोस्टल सर्विसेज पर लगा बैन हटा दिया है. गौरतलब है कि बीते अगस्त महीने में ट्रंप ने जब भारत पर लगा टैरिफ बढ़ाकर डबल किया था और सीमा शुल्क नियमों में बदलाव किया था, तो भारतीय डाक ने ये प्रतिबंध लगाए थे.
सेवा की बहाली के लिए नई व्यवस्था
अमेरिका के लिए पोस्टल सर्विस बहाल करने के लिए भारतीय डाक ने कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन यानी CBP-अनुमोदित पार्टियों के साथ समन्वय में एक डिलीवरी ड्यूटी पेड (DDP) सिस्टम विकसित किया है. दिल्ली और महाराष्ट्र पोस्टल सर्किल्स में इसकी ऑपरेशनल टेस्टिंग भी की गई है, जिसके बाद अब इसे पूरे देश में लागू किया जा रहा है.
कैसे काम करता है DDP मॉडल?
डीडीपी मॉडल के तहत, भारत में बुकिंग के समय सभी लागू सीमा शुल्क अग्रिम रूप से वसूल किए जाते हैं और सीधे अमेरिकी अधिकारियों को भेज दिए जाते हैं. इससे संशोधित अमेरिकी आयात नीति का पूर्ण अनुपालन संभव हो पाता है. वहीं दूसरी ओर इसके जरिए अमेरिका पहुंचने पर सीमा शुल्क निकासी और डिलीवरी में भी तेजी आती है.
इंडिया पोस्ट के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारत से डाक शिपमेंट के घोषित फ्री ऑन बोर्ड वैल्यू पर 50% का एकसमान सीमा शुल्क लागू है. हालांकि, कॉमर्शियल या कूरियर शिपमेंट के विपरीत, डाक प्रोडक्ट्स पर कोई आधार या उत्पाद-विशिष्ट शुल्क नहीं लगता. इससे भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलता है. डाक विभाग की ओर से पुष्टि करते हुए कहा गया है कि डीडीपी प्रोसेसिंग को सुविधाजनक बनाने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा और मौजूदा डाक शुल्क अपरिवर्तित रहेंगे.
15 अक्टूबर से शुरू होंगी सेवाएं
डाक विभाग की ओर से अमेरिका के लिए रोकी गई इंटरनेशनल पोस्टल सेवाओं को 15 अक्टूबर 2025 से सभी कैटेगरी में फिर से शुरू करने की घोषणा की गई है. 22 अगस्त 2025 को ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी कार्यकारी आदेश संख्या 14324 के बाद अमेरिका के लिए डाक सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. इस आदेश के तहत 800 डॉलर तक के आयातित सामानों पर टैरिफ छूट वापस ले ली गई थी, और सिर्फ 100 डॉलर तक की वस्तुओं को छूट दी गई थी.
दूसरी तरफ अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीद को यूक्रेन युद्ध में पुतिन की आर्थिक मदद करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही भारत पर लागू 25% टैरिफ पर 25 फीसदी अतिरिक्त जुर्माने के रूप में लगाकर इसे 50% कर दिया गया था. इस टैरिफ टेंशन के बीच भारतीय डाक ने बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका जाने वाली सभी कैटेगरी की डाक बुकिंग को पूरी तरह से सस्पेंड कर दिया था. मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशंस ने साफ किया था कि अमेरिका जाने वाले पत्र, डॉक्युमेंट्स और गिफ्ट आइटम्स समेत सभी श्रेणियों के डाक की बुकिंग को पूरी तरह से निलंबित किया जा रहा है.