मुंबई में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें 81 साल के पूर्व रेलवे इंजीनियर को एक साइबर अपराधी ने बैंक प्रतिनिधि बनकर करीब 26 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना लिया. बुजुर्ग मुंबई सेंट्रल इलाके में रहते हैं और उत्तरी रेलवे से जूनियर इंजीनियर पद से रिटायर हुए हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि घटना 12 नवंबर की है, जब पीड़ित को फोन पर एक व्यक्ति ने संपर्क किया. उसने खुद को पीड़ित के बैंक का प्रतिनिधि बताया. कुछ ही देर में ठग ने उन्हें वीडियो कॉल किया और झूठी जानकारी दी कि उनका लाइफ सर्टिफिकेट कैंसिल हो गया है. चूंकि पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट महत्वपूर्ण होता है, इसलिए बुज़ुर्ग क्षणभर के लिए घबरा गए.
लाइफ सर्टिफिकेट के नाम पर लगाया चूना
इसी घबराहट का फायदा उठाते हुए साइबर ठग ने उनसे डेबिट कार्ड नंबर, पिन और अन्य बैंकिंग विवरण वेरिफिकेशन के नाम पर मांगे. हालांकि, पीड़ित को कुछ देर बाद शक हो गया और उन्होंने कोई जानकारी साझा नहीं की. इसके बजाय उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया.
करीब एक घंटे बाद जब उन्होंने दोबारा फोन चालू किया, तो बैंक की ओर से आए कई मैसेज देखकर उनके होश उड़ गए. मैसेज में बताया गया था कि उनके खाते से आठ ऑनलाइन ट्रांजिक्शन किए गए हैं. जांच में पता चला कि साइबर अपराधी ने किसी तरह उनके मोबाइल डिवाइस को रिमोट एक्सेस या क्लोन कर लिया और खाते से कुल 26 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
घटना का एहसास होते ही वरिष्ठ नागरिक ने तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. फिलहाल साइबर सेल खाते के ट्रांजिक्शन ट्रेल का पता लगा रही है और जिन बैंकों में रकम ट्रांसफर हुई है, उनसे डिटेल मांगी गई है. पुलिस का कहना है कि यह मामला एक संगठित साइबर गैंग की करतूत लगता है जो पेंशनर्स को निशाना बनाता है.
इस घटना के बाद पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और यह साफ कहा है कि कोई भी बैंक कभी वीडियो कॉल पर या फोन पर कार्ड नंबर, पिन या ओटीपी नहीं मांगता.