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बिहार: डांट खाते ही भड़का पालतू कुत्ता, झपटकर मालिक का कान नोच कर किया अलग

घटना उस समय हुई जब 30 वर्षीय संदीप कुमार ने अपने डॉगी को डांट दिया. डांट खाने के बाद कुत्ते ने अचानक भड़ककर हमला कर दिया और सीधे मालिक के कान को काट डाला. हमला इतना तेज था कि कान का एक हिस्सा पूरी तरह अलग हो गया. खून से लथपथ संदीप किसी तरह खुद को छुड़ाकर घर के अंदर भागे, जबकि परिवार के लोग घबराकर उनके पास पहुंचे.

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अस्पताल पहुँचकर इलाज करवाते संदीप कुमार (Photo: Screengrab)
अस्पताल पहुँचकर इलाज करवाते संदीप कुमार (Photo: Screengrab)

बिहार के गोपालगंज जिले में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने सुनकर हर कोई हैरान है. आमतौर पर लोग पालतू जानवरों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं, उनसे लगाव रखते हैं, उन्हें खाना खिलाते हैं, घुमाने ले जाते हैं, और कई बार तो उनकी हर हरकत पर मुस्कुराते भी हैं. लेकिन गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के अरार मोहल्ले में रहने वाले एक युवक के लिए अपने पालतू कुत्ते से प्यार करना भारी पड़ गया.

घटना उस समय हुई जब 30 वर्षीय संदीप कुमार ने अपने डॉगी को डांट दिया. डांट खाने के बाद कुत्ते ने अचानक भड़ककर हमला कर दिया और सीधे मालिक के कान को काट डाला. हमला इतना तेज था कि कान का एक हिस्सा पूरी तरह अलग हो गया. खून से लथपथ संदीप किसी तरह खुद को छुड़ाकर घर के अंदर भागे, जबकि परिवार के लोग घबराकर उनके पास पहुंचे.

कैसे हुआ हमला

परिवार वालों के अनुसार, संदीप को बचपन से ही कुत्ते पालने का शौक था. हाल ही में उन्होंने यह डॉगी खरीदा था और उसे बड़े प्यार से पाल रहे थे. संदीप का कहना है कि सुबह डॉगी छत पर चढ़ गया और वहां से कूदने की कोशिश करने लगा. यह देख उन्होंने चिंता के चलते उसे डांट दिया. शायद यही बात पालतू को नागवार गुजरी और वह उछलकर सीधे मालिक पर टूट पड़ा. पहले कुत्ते ने हाथ पकड़ने की कोशिश की, लेकिन संदीप ने तुरंत हाथ खींच लिया. इसके बाद उसने सीधे कान पर झपट्टा मारा और उसे काटकर अलग कर दिया. संदीप ने बताया कि घटना इतनी तेजी से हुई कि उन्हें संभलने का मौका ही नहीं मिला.

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अस्पताल में अफरा-तफरी

कान का कटा हुआ हिस्सा कपड़े में लपेटकर परिवार के लोग तुरंत संदीप को गोपालगंज सदर अस्पताल ले गए. वहां मौजूद डॉक्टरों की टीम ने तुरंत इलाज शुरू किया. इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ. दानिश अहमद ने बताया कि मरीज की स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन कान की कुछ नसें खराब हो गई हैं.

डॉ. दानिश ने बताया कि हम कटे हुए कान को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. समय रहते मरीज अस्पताल पहुंच गया, जिससे रिकवरी की संभावना बढ़ गई है. इसके अलावा, कुत्ता काटने के बाद जो भी मेडिकल प्रोटोकॉल होते हैं जैसे एंटी-रेबीज वैक्सीन और टिटनेस इंजेक्शन वो सभी दिए जा रहे हैं,

शौक महंगा पड़ सकता है

डॉ. दानिश अहमद ने चेतावनी देते हुए कहा कि पालतू जानवरों को पालना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन उनकी प्रकृति और व्यवहार को ध्यान में रखे बिना अत्यधिक नजदीकी कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकती है. यह घटना डॉगी पालने वाले लोगों के लिए एक सबक है. चाहे पालतू जानवर कितना भी प्यारा क्यों न हो, उसके स्वभाव में अचानक बदलाव आ सकता है, खासकर जब वह असहज या नाराज हो.

बच्वे की तरह पाला  

संदीप के छोटे भाई ने बताया कि उनका परिवार हमेशा जानवरों से प्यार करने वाला रहा है. भाई साहब ने इस डॉगी को बच्चे की तरह पाला था. खिलाना, नहलाना, यहां तक कि घर में सोने तक की इजाज़त थी. लेकिन आज जो हुआ, उसने हम सबको डरा दिया है. फिलहाल हमारा ध्यान भाई के स्वास्थ्य पर है. आगे इस डॉगी को रखने या न रखने का फैसला बाद में होगा.

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डॉग अटैक के बढ़ते मामले

पिछले कुछ महीनों में देशभर से पालतू कुत्तों के हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं. कभी गली में खेलने वाले बच्चों को काटना, तो कभी घर के बुजुर्गों को घायल करना ऐसे मामले यह दिखाते हैं कि पालतू जानवरों के व्यवहार को गंभीरता से समझना जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि डॉगी के साथ प्यार जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है उसकी ट्रेनिंग और सीमाएं तय करना.

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