सुपौल में कोसी नदी विकराल हो गई है. कोसी तटबंध के भीतर सैकड़ों गांव में बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. नेपाल स्थित कोसी बराज से रविवार को 3 बजे 4 लाख क्यूसेक के करीब पानी डिस्चार्ज किया गया. कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं.
वहीं कोसी बराज पर खतरे का सिग्नल जला दिया गया. कोसी में इस साल का सबसे अधिक पानी छोड़ा गया है. इससे कोसी नदी उफान पर है. देर रात तक पानी निचले इलाके में तबाही मचा सकती है. बता दें कि मानसून आते ही नेपाल के कोसी जल अधिग्रहण क्षेत्र में कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. इस कारण नेपाल से आने वाली कोसी नदीने बिहार के सुपौल सहित दर्जनों जिले में तबाही मचाना शुरू कर दिया है.
कोसी में लगातार बढ़ करा पानी का डिस्चार्ज
कोसी नदी में लगातार पानी का डिस्चार्ज बढ़ रहा हैं. वही कोसी में उफान और जलस्तर बढ़ने से सुपौल के कोसी तटबंध के भीतर निर्मली, मरौना, किशनपुर, बसंतपुर, सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के तटबंध के भीतर बसे सैकड़ों गांवों में कोसी जल तांडव देखने को मिल रहा है. तटबंध के भीतर बसे सैकडो गांव में बसे घरों में कोसी बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है. कोसी का पानी बढ़ने के साथ लोग नाव से बच्चे सहित बाहर ऊंचे स्थानों पर आने लगे हैं.
कोसी तटबंध पर शरण लिये हुए है हजारों परिवार
सैकड़ों परिवार कोसी की धारा के बीच पानी में दिन-रात गुजारने को विवश है. कोसी पीड़ित लोग अब नदी से बाहर तटबंध पर शरण लेने लगे हैं. कोसी के रौद्र रूप से कोसी इलाके के लोग त्राहिमाम हैं. बाढ़ पीड़ित लोगों ने बताया कल से पानी आना शुरू हो गया. इससे घर में पानी घुसने से चूल्हा,चापाकाल ,आदि डूब गया है ।दो दिनों से खाना नही बन सका है. सरकार के तरफ से अबतक कोई सुविधा नहीं देने की बात बताई.
नेपाल में बारिश से बागमती खतरे के निशान से ऊपर
वहीं नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश से शिवहर जिला पर भी बाढ़ का खतरा मडंराने लगा है. शिवहर में बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. बागमती नदी खतरे के निशान से 52 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. बागमती नदी के डुब्बा धार का खतरे का निशान 61.28m है. वहीं वर्तमान में जलस्तर 61.80m पर बह रही है.
अलर्ट मोड पर जल संसाधन विभाग
लगातार जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए डीएम पंकज कुमार ने विभिन्न तटबंधों का निरीक्षण किया है. इस दौरान मोहारी घाट पर तटबंध में हो रहे रिसाव के कारण कटाव का भी निरीक्षण किया और कटाव को तुरंत रोकने के मद्देनज़र मरम्मत का निर्देश दिया है. वहीं सुरागाही और बेलवा घाट पर भी पहुंचकर डीएम ने जलस्तर की स्थिति का जायजा लिया है और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोर्ड में रहने का निर्देश दिया गया है.
गंडक में 60 मजदूर फंसे
बगहा में गंडक नदी पार करके खेतों में काम करने गए लगभग 60 मजदूर बाढ़ के पानी में फंस गए. इनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं. फंसे लोगों की सूचना मिलते ही मौके पर SDRF की टीम पहुंची. बेतिया से आई एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
दरअसल, शनिवार सुबह ये मजदूर खेतों में काम करने गए थे. जब अचानक गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया. इसके बाद सभी चारों तरफ से पानी में घिर गए. स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ टीम को बुलाया, जो अब रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.फंसे हुए लोगों में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं.