पटना के बहुप्रतीक्षित जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) के सीएम नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन के तीन दिनों बाद ही उसमें दरार दिखने को लेकर इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. जब आज तक के रिपोर्टर ने उस दरार को भरे जाने के दौरान वहां रिपोर्टिंग कर रहे थे तो मौके पर काम कर रहे इंजीनियर नाराज हो गए.
रिपोर्टर से बहस करने लगे इंजीनियर
दरअसल बिहार राज्य रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (BSRDC) की टीम दीदारगंज के उस स्थान का निरीक्षण करने पहुंची थी जहां 'दरार' देखी गई थी. इसी दौरान रिपोर्टर जब उसे दरार बता रहे थे तो वहां काम कर रहे एक इंजीनियर नाराज हो गए और रिपोर्टर से कहासुनी हो गई.
इंजीनियर अभिषेक कुमार आज तक रिपोर्टर से बहस करने लगे और उन पर 'गलत रिपोर्टिंग' का आरोप लगाया, थोड़ी देर बाद वो गाड़ी में बैठकर जाने लगे, लेकिन रिपोर्टर ने उन्हें रोका और गाड़ी से नीचे उतरवाकर दरार जैसी दिख रही आकृति की वास्तविक वजह समझने की कोशिश की.
BSRDC ने दी सफाई
हालांकि BSRDC ने बताया कि यह कोई संरचनात्मक खामी नहीं है और जनता को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. फिर भी सरकार ने सतर्कता बरतते हुए व्यापक जांच और समयबद्ध मरम्मत कार्यों का भरोसा दिलाया.
इस पूरी स्थिति को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल को इस 20.5 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था, जो दीघा से दीदारगंज तक बना है. इसके तीन दिन बाद ही दीदारगंज के पास सड़क में दरार की सूचना ने लोगों को चिंतित कर दिया था.
तकनीकी गैप को दरार समझ रहे लोग: BSRDC
BSRDC के एमडी शीर्षत कपिल अशोक खुद मौके पर पहुंचे और 'आज तक' से बातचीत में स्पष्ट किया कि जिसे लोग दरार समझ रहे हैं, वह दरअसल एक तकनीकी गैप है. उन्होंने बताया कि ब्रिज स्ट्रक्चर और एप्रोच रोड के बीच मौसम के अनुसार बदलावों को समायोजित करने के लिए अंतर रखा जाता है, ताकि संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे.
थर्ड पार्टी ऑडिट कराएगी सरकार
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विभागीय स्तर पर इस मामले की जांच कराई जा रही है और गंगा पथ प्रोजेक्ट का थर्ड पार्टी ऑडिट आईआईटी जैसी विश्वसनीय संस्था से कराया जाएगा. फिलहाल ट्रैफिक सामान्य रूप से चालू है और इंजीनियरों की टीम ने गैप की फिलिंग कर दी है.