scorecardresearch
 

PM E-Drive: बेफिक्र होकर चला सकेंगे इलेक्ट्रिक वाहन! सरकार लगाएगी 72 हजार से ज़्यादा चार्जिंग स्टेशन, गाइडलाइंस जारी

प्रधानमंत्री ई-ड्राइव (PM E-Drive) योजना के तहत पब्लिक ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए विस्तृत ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी की गई है. सरकार की 10,000 करोड़ रुपये की इस योजना में से 2,000 करोड़ रुपये चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे. तो आइये देखें क्या है नई गाइडलाइन.

Advertisement
X
PM E-Drive स्कीम को 1 अक्टूबर 2024 से लागू किया गया है. Photo: ITG
PM E-Drive स्कीम को 1 अक्टूबर 2024 से लागू किया गया है. Photo: ITG

इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले हर किसी के जेहन सबसे बड़ा सवाल चार्जिंग इंफ्रा को लेकर ही उठता है. ड्राइविंग रेंज की चिंता को तो कार कंपनियों ने काफी हद तक बड़े बैटरी पैक से दूर करने की कोशिश की है. लेकिन अब भी लोग ये सोचते हैं कि, “इलेक्ट्रिक कार ले तो लें... लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का क्या?”. इलेक्ट्रिक कारों की कीमत के बाद दूसरी सबसे बड़ी टेंशन यही है, जिसने भारत में EV क्रांति की रफ्तार धीमी कर दी है. अब सरकार इस सबसे बड़े रोड़े को हटाने की तैयारी में है. 

भारी उद्योग मंत्रालय ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव (PM E-Drive) योजना के तहत पब्लिक ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए विस्तृत ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी की है. यह गाइडलाइंस न सिर्फ उद्योग जगत बल्कि आम उपभोक्ता के लिए भी अहम साबित होंगी, क्योंकि अब भारत में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या और पहुंच दोनों में बड़ा विस्तार देखने को मिलेगा. इसमें साफ कहा गया है कि पब्लिक चार्जिंग स्टेशन बनाने वालों को तगड़ी सब्सिडी मिलेगी. कहीं 70%, कहीं 80%, और सरकारी इमारतों में लगे फ्री चार्जर पर तो पूरी 100% सब्सिडी दी जाएगी.

सरकार की 10,000 करोड़ रुपये की PM E-Drive योजना में से 2,000 करोड़ रुपये चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे. इसका लक्ष्य है 72,300 नए पब्लिक चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्वैपिंग और बैटरी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना. योजना का जोर खासतौर पर मेट्रो शहरों, स्मार्ट सिटीज़, राज्य की राजधानियों और नेशनल व स्टेट हाईवे जैसे हाई-डेन्सिटी इलाकों पर होगा.

Advertisement
Electric Car Charging Infra
भारत में फिलहाल करीब 30,000 पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशन हैं. Photo: Freepik

गाइडलाइंस के मुताबिक- 

  • सरकारी इमारतों (जैसे दफ्तर, अस्पताल, स्कूल, रेज़िडेंशियल कॉम्प्लेक्स) में यदि पब्लिक के लिए मुफ्त चार्जिंग की सुविधा दी जाएगी, तो 100% सब्सिडी मिलेगी.
  • PSU आउटलेट्स, एयरपोर्ट, मेट्रो/बस स्टेशन, बंदरगाह और NHAI टोल प्लाज़ा पर बने चार्जिंग स्टेशनों को 80% तक इंफ्रास्ट्रक्चर और 70% तक EVSE सब्सिडी दी जाएगी.
  • मॉल, मार्केट और सड़कों पर बने स्टेशन को 80% सब्सिडी सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर मिलेगी।
  • बैटरी स्वैपिंग और बैटरी चार्जिंग स्टेशन भी 80% सब्सिडी के दायरे में आएंगे.

सब्सिडी की गणना ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा तय बेंचमार्क कॉस्ट या वास्तविक लागत (जो भी कम हो) के आधार पर होगी. उदाहरण के लिए, 50 kW तक के चार्जर पर 6.04 लाख रुपये और 150 kW से अधिक पर 24 लाख रुपये की लागत तय है. वहीं, एक 50 kW CCS-II चार्जर की बेंचमार्क कॉस्ट 7.25 लाख रुपये और 100 kW CCS-II चार्जर की 11.68 लाख रुपये तय की गई है.

योजना का सबसे अहम पहलू यह है कि चार्जिंग स्टेशनों को नेशनल यूनिफाइड EV चार्जिंग हब से जोड़ा जाएगा. इससे यूज़र्स को रियल-टाइम में चार्जिंग स्टेशन की लोकेशन, उपलब्धता और पेमेंट ऑप्शन मिलेंगे.

भारत में फिलहाल करीब 30,000 पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशन हैं, जो मौजूदा ईवी डिमांड की तुलना में बेहद कम माने जाते हैं. यही वजह है कि सरकार ने इस योजना में चार्जिंग नेटवर्क को प्राथमिकता दी है. योजना का लक्ष्य है 22,100 फास्ट चार्जर (कारों के लिए), 1,800 (बसों के लिए) और 48,400 चार्जर (टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के लिए) पब्लिक चार्जर इंस्टॉल करना है.

Advertisement

इस पूरी परियोजना की इंप्लीमेंटिंग एजेंसी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) होगी. सब्सिडी दो चरणों में जारी की जाएगी, जिसमें परफॉर्मेंस और कम्प्लायंस मानकों को पूरा करना अनिवार्य होगा.

Electric Car Charger
PM-E Drive स्कीम के तहत कारों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर लगाने की योजना है. Photo: Freepik

चार्जिंग स्टैंडर्ड्स भी तय कर दिए गए हैं- 

  • टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर: लाइट EV DC (IS-17017-2-6) और लाइट EV AC/DC कॉम्बो (IS-17017-2-7) – 12 kW तक.
  • कार और बसें: CCS-II (IS-17017-2-3) – 50 kW से 250 kW तक.
  • हेवी ड्यूटी ई-बसेस और ई-ट्रक: CCS-II (250–500 kW), हर गन से कम से कम 120 kW आउटपुट.

इस नई गाइडलाइन से यह साफ हो रहा है कि, भारत सरकार अब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की दिशा में आक्रामक रणनीति अपना रही है. जानकारों का भी मानना है कि चार्जिंग नेटवर्क का रणनीतिक विस्तार ही वह निर्णायक कदम होगा, जिससे देश में EV अपनाने की गति दोगुनी हो सकती है.

क्या है PM E-Drive स्कीम?

पीएम ई-ड्राइव (PM E-Drive) यानी प्राइम मिनिस्टर इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट, भारत सरकार की नई योजना है, जिसे 1 अक्टूबर 2024 से लागू किया गया है और यह मार्च 2026 तक चलेगी. इसका मकसद देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) को बढ़ावा देना और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना है. करीब 10,900 करोड़ रुपये के बजट वाली इस योजना के तहत ई-टू व्हीलर, ई-थ्री व्हीलर, ई-बस और ई-ट्रक जैसे वाहनों पर सब्सिडी मिलेगी. साथ ही, सरकार 72,000 से ज़्यादा चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग पॉइंट्स लगाने की तैयारी में है. 

Advertisement

इस योजना की खासियत यह है कि सब्सिडी सीधे ग्राहक तक e-voucher सिस्टम से पहुँचेगी और चार्जिंग स्टेशनों को नेशनल यूनिफाइड EV चार्जिंग हब से जोड़ा जाएगा. ताकि लोकेशन और पेमेंट की सुविधा आसान हो. सरकार चाहती है कि पेट्रोल-डीज़ल पर निर्भरता कम हो, प्रदूषण कम हो और आम लोगों को EV अपनाने में “रेंज एंग्ज़ाइटी” यानी चार्जिंग की चिंता न रहे.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement