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ग्रीन लॉजिस्टिक्स रिकॉर्ड! Maruti ने ट्रेन से भेजी 5.18 लाख कारें, 630 लाख लीटर फ्यूल की बचत

मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki) ने ऐलान किया है कि, कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय रेलवे द्वारा 5.18 लाख वाहन भेजे हैं, जो किसी भी वित्त वर्ष में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

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Maruti Suzuki
Maruti Suzuki

आज विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki) ने ऐलान किया है कि, कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय रेलवे द्वारा 5.18 लाख वाहन भेजे हैं, जो किसी भी वित्त वर्ष में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. ग्रीन लॉजिस्टिक्स की दिशा में उठाया गया ये कदम कई मायनों में बेहद ख़ास है. कंपनी का कहना है कि, वित्त वर्ष 2014-15 से अब तक इंडियन रेलवे के माध्यम से कुल मिलाकर लगभग 24 लाख वाहनों को फैक्ट्री से डिस्पैच किया जा चुका है.

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ग्रीन लॉजिस्टिक्स का एक नया रिकॉर्ड:

मारुति सुजुकी ने अपने बयान में कहा कि,  रेलवे द्वारा भेजे गए 5.18 लाख वाहन वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी के कुल डिस्पैच का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है. रेलवे से भेजने के कारण इन वाहनों को सड़क मार्ग द्वारा भेजने की जरूरत नहीं पड़ी है. जिससे 1.8 लाख टन से अधिक CO2e (carbon dioxide equivalent) उत्सर्जन को कम किया जा सका है. इतना ही नहीं इस कदम से तकरीबन 630 लाख लीटर फ़्यूल की भी बचत की गई है.

600 से अधिक शहरों में पहुंचती हैं कारें:

रेलवे का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे कम उत्सर्जन होता है और यह फ्यूल सेविंग के दृष्टिकोण से परिवहन का कुशल तरीका है. साथ ही, इससे सड़कों पर भीड़-भाड़ कम रखने में भी मदद मिलती है. वर्तमान में मारुति सुज़ुकी रेलवे का उपयोग करके 20 से अधिक हब प्वाइंट्स पर वाहन भेजती है, जहां से आगे 600 से अधिक शहरों को वाहनों को डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है. वाहनों को रेलवे के माध्यम से मुंद्रा और पीपावाव बंदरगाहों तक भी भेजा जाता है, जिनका उपयोग कंपनी निर्यात के लिए करती है. 

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Maruti Suzuki Indian Railway Distpach

ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर लाइसेंस वाली पहली कंपनी:

इस उपलब्धि पर मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हिसाशी ताकेउचि ने कहा, "हमारे प्रोडक्ट और हमारे ऑपरेशन दोनों में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है. 2013 में, मारुति सुज़ुकी देश की पहली कार कंपनी बनी थी जिसे ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर लाइसेंस प्राप्त हुआ था. तब से, हम रेलवे द्वारा लगभग 24 लाख वाहन भेज चुके हैं. वित्त वर्ष 2030-31 तक हम रेलवे के माध्यम से भेजे जाने वाले वाहनों की हिस्सेदारी को 35% तक बढ़ाना चाहते हैं."

वित्त वर्ष 2014-15 से रेलवे द्वारा मारुति सुज़ुकी के वाहनों के डिस्पैच में लगभग 8 गुना बढ़ोतरी हुई है. 2024 में भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कंपनी की गुजरात मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में भारत की पहली ऑटोमोबाइल इन-प्लांट रेलवे साइडिंग का उद्घाटन किया था. मौजूदा समय में, मारुति सुज़ुकी 40 से अधिक फ्लेक्सी डेक रेलवे रेक ऑपरेट करती है, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता प्रति ट्रिप लगभग 300 वाहन ले जाने की है.

 

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