अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन गुरुवार यानी आज मॉस्को और कीव के बीच तीन साल में पहली बार हो रही शांति वार्ता में शामिल नहीं होंगे. रूस ने इसके बजाय अनुभवी टेक्नोक्रेट्स के एक ग्रुप को भेजा है. पुतिन ने रविवार को इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ 'बिना किसी पूर्व शर्त' के सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा. बुधवार देर रात रूस ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रपति के सलाहकार व्लादिमीर मेडिंस्की और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन शामिल होंगे.
क्रेमलिन के प्रतिनिधिमंडल के ऐलान के बाद, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ट्रंप इसमें शामिल नहीं होंगे, कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि वे इस यात्रा पर विचार कर रहे हैं. जबकि पुतिन ने कभी भी इस बात की पुष्टि नहीं की थी कि वे व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल होंगे. रूसी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों की अनुपस्थिति ने रूस द्वारा फरवरी 2022 में शुरू की गई जंग में एक बड़ी सफलता की उम्मीदों को कम कर दिया है.
पुतिन को जेलेंस्की की चुनौती
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने पुतिन को चुनौती दी थी कि अगर उन्हें डर नहीं है, तो वे वार्ता में शामिल हों. यह साफ तौर से ट्रंप को दिखाने की होड़ में था कि कौन शांति चाहता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक यूक्रेनी अधिकारी ने कहा कि ज़ेलेंस्की तुर्की जा रहे थे. इससे पहले, पुतिन ने कहा था कि वे वार्ता में तभी शामिल होंगे जब पुतिन वहां होंगे.
ट्रंप चाहते हैं कि दोनों पक्ष द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सबसे बड़े युद्ध को रोकने के लिए 30-दिन के युद्ध विराम पर हस्ताक्षर करें. वहीं, एक रूसी सांसद ने बुधवार को कहा कि जंग के कैदियों के बड़े आदान-प्रदान के बारे में भी चर्चा हो सकती है.
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ज़ेलेंस्की तत्काल 30-दिन के युद्ध विराम का समर्थन करते हैं, लेकिन पुतिन ने कहा है कि वह पहले बातचीत शुरू करना चाहते हैं, जिसमें इस तरह के युद्ध विराम पर चर्चा की जा सके.
क्या रूस पर लगेगा और प्रतिबंध?
ट्रंप ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि मॉस्को शांति प्रक्रिया को बाधित कर रहा है, तो वे उसके खिलाफ सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने संभावित वित्तीय प्रतिबंधों के साथ-साथ रूसी तेल के खरीदारों पर संभावित सेकेंडरी प्रतिबंधों के बारे में बात की है.
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