ट्रंप ने मान लीं रूस की शर्तें तो बदल जाएगा यूक्रेन! मैप में देखें- कैसा दिखेगा जेलेंस्की का देश

अमेरिकी राष्ट्रपति रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराना चाहते हैं लेकिन पुतिन ने साफ कर दिया है कि वो यूक्रेन के कब्जाए बड़े हिस्सों को नहीं छोड़ेंगे. बदले में वो यूक्रेन के कब्जा किए कुछ छोटे हिस्सों को तैयार हो रहे हैं. अगर उनकी बातें मान ली जाती है को यूक्रेन का पूरा नक्शा बदल जाएगा.

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ट्रंप पुतिन की शर्तें मान लेते हैं तो यूक्रेन की नक्शा बदल जाएगा (Photo: Reuters) ट्रंप पुतिन की शर्तें मान लेते हैं तो यूक्रेन की नक्शा बदल जाएगा (Photo: Reuters)

शुभम तिवारी / बिदिशा साहा

  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और सात यूरोपीय नेताओं के बीच मंगलवार सुबह वाशिंगटन डीसी में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई. इस बैठक से उम्मीद जगी है कि साढ़े तीन सालों से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द ही खत्म हो सकता है. हालांकि, ऐसा लगता है कि युद्ध तो खत्म हो जाएगा लेकिन यूक्रेन को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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ट्रंप की सार्वजनिक टिप्पणियों से पता चलता है कि वो रूसी रुख से सहमत हैं कि युद्ध के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना ने यूक्रेन के जिन क्षेत्रों पर कब्जा किया है, शांति वार्ता के हिस्से के रूप में उसे रूस को दे दिया जाए.

ट्रंप ने इससे पहले यूक्रेन को लगभग आत्मसमर्पण करने के लिए ही कह दिया था. उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि अगर वो चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत समाप्त कर सकते हैं, या फिर लड़ाई जारी रख सकते हैं.

रूस-यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 युद्ध शुरू हुआ था और वर्तमान में यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर रूस का नियंत्रण है. नीचे दिया गया नक्शा हमें यूक्रेन के युद्धक्षेत्र की वर्तमान स्थिति दिखाता है.

Photo: Institute for the Study of War and AEI's Critical Threats Project

पिछले शनिवार को ट्रंप ने अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक शिखर वार्ता की थी. अमेरिकी मीडिया में आई इस बैठक की डिटेल्स से पता चलता है कि रूस युद्ध खत्म करने की शर्त के रूप में उत्तरी यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्से के छोटे-छोटे हिस्से ही छोड़ेगा. बदले में यूक्रेन को पूर्व में लुहांस्क और दोनेत्स्क प्रांतों के बड़े हिस्से छोड़ने होंगे, जिन पर रूस पूरी तरह से कब्जा नहीं कर पाया है.

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Photo: Institute for the Study of War and AEI's Critical Threats Project

इसके बदले में रूस खेरसॉन और जापोरीज्जिया के दक्षिणी क्षेत्रों में फ्रंट लाइन को स्थिर कर देगा, उत्तरी सुमी और उत्तर-पूर्वी खार्किव क्षेत्रों में कब्जे वाली जमीन के छोटे-छोटे हिस्से वापस कर देगा.

अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के अनुसार, रूस के पास सूमी और खार्किव क्षेत्रों के छोटे-छोटे हिस्से हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 440 वर्ग किलोमीटर है. यूक्रेन डोनबास के लगभग 6,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है, जिसमें दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्र शामिल हैं. रूस इन दोनों ही क्षेत्रों की मांग कर रहा है.

मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि रूस क्रीमिया पर रूसी संप्रभुता को औपचारिक मान्यता दिए जाने की भी मांग कर रहा है. 2014 के युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था.

Photo: Institute for the Study of War and AEI's Critical Threats Project

रूस यूक्रेन के लगभग 114,500 वर्ग किलोमीटर (44,600 वर्ग मील) या 19% क्षेत्र को कंट्रोल करता है जिसमें क्रीमिया और देश के पूर्व और दक्षिण-पूर्व का एक बड़ा हिस्सा शामिल है. वहीं, यूक्रेन ने किसी भी रूसी क्षेत्र पर नियंत्रण नहीं किया है.

पुतिन के युद्ध का टार्गेट यूक्रेन के आंशिक रूप से कब्जे वाले चार क्षेत्रों: लुहांस्क, दोनेत्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन, पर कब्जा करना रहा है. यूक्रेन ने बार-बार कहा है कि वो अपनी जमीन पर रूसी कब्जे को कभी मान्यता नहीं देगा, और ज्यादातर देश भी 1991 की सीमाओं के भीतर यूक्रेन के क्षेत्र को मान्यता देते हैं.

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Photo: Institute for the Study of War and AEI's Critical Threats Project

रूस पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के लगभग 46,570 वर्ग किमी या 88% हिस्से पर नियंत्रण रखता है, जिसमें लुहांस्क और दोनेत्स्क क्षेत्र का लगभग 76% हिस्सा शामिल है.

डोनबास का लगभग 6,600 वर्ग किमी क्षेत्र अभी भी यूक्रेन के नियंत्रण में है और रूस का फोकस अभी दोनेत्स्क पर है. रूसी सैनिक इस समय पोक्रोवस्क और चारसिव यार जैसे दोनेत्स्क के प्रमुख शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं.

डोनबास का एक हिस्सा दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों में रूस समर्थित अलगाववादियों के कंट्रोल में है जो 2014 में यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण से अलग हो गए थे. अलगाववादियों के कंट्रोल वाले क्षेत्र को स्वतंत्र गणराज्य घोषित कर दिया था.

Photo: Institute for the Study of War and AEI's Critical Threats Project

रूसी सेना दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के जापोरिज्जिया और खेरसॉन क्षेत्रों के लगभग 74%, यानी लगभग 41,176 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर नियंत्रण रखती है. यूक्रेन इन दोनों क्षेत्रों के लगभग 14,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कंट्रोल करता है.

ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात की मुख्य बातें

Photo: Institute for the Study of War and AEI's Critical Threats Project

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मीडिया को बताया कि व्हाइट हाउस में मंगलवार की बैठक का सबसे अहम परिणाम ये रहा कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर अमेरिका ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई.

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यूक्रेन भविष्य में रूसी आक्रमण को रोकने के लिए अमेरिका और यूरोप से ठोस सुरक्षा गारंटी की मांग कर रहा है. अब तक, अमेरिका इस दिशा में कोई भी प्रतिबद्धता जताने से हिचकिचा रहा था और उसने कह दिया था कि यूक्रेन की सुरक्षा यरोपीय देश देख लें.

लेकिन सोमवार को व्हाइट हाउस में हुई बातचीत के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के लिए 'नेटो जैसी' सुरक्षा गारंटी की बात कही, जिसे यूरोपीय देश अमेरिका के साथ मिलकर पूरा कर सकते हैं.

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