SCO से आजतक LIVE: रिसेप्शन में स्वागत, कई मुद्दों पर बातचीत... मोदी-जिनपिंग की मीटिंग से भारत-चीन रिश्तों में नई गरमाहट

तिआनजिन में SCO समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों में नई उम्मीदें जगाईं. गलवान झड़प के बाद पहली बार हुई इस 50 मिनट की बैठक में सीमा विवाद पर समझौता, कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानों की बहाली पर सहमति बनी.

Advertisement
एससीओ रिसेप्शन में पीएम मोदी (L) के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (M) और उनकी पत्नी. (Photo: ITG) एससीओ रिसेप्शन में पीएम मोदी (L) के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (M) और उनकी पत्नी. (Photo: ITG)

आजतक ब्यूरो

  • तिआनजिन,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

चीन के तिआनजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में रविवार को भारत और चीन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच एक ऐतिहासिक मुलाकात ने दुनिया भर का ध्यान खींचा. जून 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने न केवल सीमा विवाद पर समझौते की राह खोली, बल्कि दोनों देशों के बीच सहयोग की नई उम्मीदें भी जगाईं.

Advertisement

इस मुलाकात की अहमियत तब और बढ़ गई, जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों को टैरिफ के मुद्दे पर धमकी दी थी. ऐसे में SCO समिट में भारत और चीन का एक साथ आना वैश्विक मंच पर एक सशक्त संदेश देता है. गर्मजोशी के साथ दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए और भविष्य के लिए एक नई दिशा तय की. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों ने समझौता किया है. कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू हो गई है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू हो रही हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'भारत-चीन के सहयोग से 2.8 अरब लोगों को फायदा होगा और यह पूरी मानवता के कल्याण का रास्ता खोलेगा. आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर हम रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

Advertisement

वहीं, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, 'चीन और भारत दो प्राचीन सभ्यताएं और दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं. हम ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और अपने लोगों की भलाई के लिए सुधार लाने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभाते हैं.' यह मुलाकात करीब 50 मिनट तक चली. पिछले साल कजान में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद से वैश्विक परिदृश्य में कई बदलाव आए हैं. 

बीते कुछ वर्षों में भारत और चीन के रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं. ऐसे में यह SCO समिट दोनों देशों के रिश्तों को नए सिरे से दुनिया के सामने लाने में कामयाब रहा. दोनों देश अब एक साथ मिलकर न केवल एशिया, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए काम करने को तैयार हैं. यह मुलाकात 'ड्रैगन और हाथी' के एक साथ चलने की नई शुरुआत का प्रतीक है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement