ये दोस्ती है बेमिसाल... एक ही कार में मीटिंग के लिए पहुंचे मोदी-पुतिन, तियानजिन से आई ट्रंप को टेंशन देने वाली तस्वीर

चीन से पीएम मोदी और पुतिन की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बेचैनी और बढ़ सकती है. भारत और रूस के रिश्तों में खटास डालने की कोशिशें नाकाम हो गई हैं, क्योंकि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही कार में सवार होकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहुंचे हैं.

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एक ही कार में साथ बैठे दिखे मोदी और पुतिन (Photo: ITG) एक ही कार में साथ बैठे दिखे मोदी और पुतिन (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

चीन के तियानजीन में शंघाई शिखर संगठन की बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चिढ़ाने वाली एक और तस्वीर सामने आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही कार में सवार होकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहुंचे हैं. भारत-रूस की दोस्ती तोड़ने के लिए की गईं ट्रंप की लाख कोशिशें बेकार होती नजर आ रही हैं, क्योंकि मोदी-पुतिन औपचारिक स्तर की बातचीत से पहले रिश्तों को पर्सनल टच देने के लिए एक ही कार में बैठे नजर आए.

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चीन में मोदी-पुतिन बने हमसफर!

यह कार चीन की सरकार की तरफ से विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को मुहैया कराई गई थी. लेकिन जब पुतिन और मोदी द्विपक्षीय बातचीत के लिए निकले तो उन्होंने एक ही कार में बैठकर सफर करने का विकल्प चुना. यह तस्वीर ट्रंप को एक संदेश भी है, क्योंकि अमेरिका साफ तौर पर कहता आया है कि अगर भारत, रूस के तेल खरीदना बंद कर दे तो उसे टैरिफ में रियायतें मिल सकती हैं. लेकिन भारत अपने नागरिकों के हितों को सबसे ऊपर रखने और वैश्विक स्थिरता के लिए रूस से लगातार तेल खरीद रहा है.

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पीएम मोदी ने एक्स पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'एससीओ शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय वार्ता स्थल पर साथ-साथ गए. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है.' भारत और रूस पुराने दोस्त रहे हैं और बदलती दुनिया में भी दोनों देशों के रिश्ते समय के साथ मजबूती हुए हैं.

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भारत-रूस की दोस्त से खफा US

अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने की वजह से ही 50 फीसदी का भारी-भरकम टैरिफ लगाया है. बावजूद इसके भारत, रूस के साथ अपनी दोस्ती की कीमत चुकाने को तैयार है और उसने अमेरिकी दबाव के सामने झुकने से साफ इनकार कर दिया है. भारत ने अमेरिकी टैरिफ को गलत बताया है और उसका साफ कहना है कि अपने लोगों के हितों की रक्षा के लिए वह किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा.

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भारत और रूस न सिर्फ कूटनीतिक और सांस्कृतिक साझेदार हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में बड़ी साझेदारी है. रूस से भारत तेल तो खरीदता ही है, साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल, मिग फाइटर, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और सुखोई जेट जैसे हथियारों के जरिए दोनों देशों की साझेदारी मजबूत बनी हुई है. साल 2025 तक भारत ने रूस से $60 बिलियन डॉलर से ज्यादा की रक्षा खरीद की है, जो उसके कुल इंपोर्ट का करीब 60 फीसदी है.

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