3 मीटर ऊंची सुनामी की लहरें, फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट खाली कराया गया... ताजा हो गईं 2011 में हुई तबाही की यादें

जापान की मौसम एजेंसी ने चेतावनी दी है कि 'सुनामी बार-बार आ सकती है, जब तक चेतावनी वापस न ले ली जाए, तब तक लोग समुद्र के पास या नदियों के किनारे बिल्कुल न जाएं.' जानकारी के मुताबिक, सुनामी की आशंका के चलते जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करवा लिया गया है. 2011 में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी से यहां भयानक तबाही मची थी.

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अमेरिकी और जापानी मौसम एजेंसियों ने सुनामी वॉच और एडवाइजरी जारी कर दी है. (Photo: Reuters) अमेरिकी और जापानी मौसम एजेंसियों ने सुनामी वॉच और एडवाइजरी जारी कर दी है. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • मॉस्को/टोक्यो/वॉशिंगटन,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:57 AM IST

रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में बुधवार सुबह भीषण भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.8 मापी गई, जो बेहद विनाशकारी है. भूकंप समुद्र के नीचे कम गहराई (लगभग 19.3 किलोमीटर) में आया, जिससे सतह पर तेज झटके महसूस किए गए. रूस, जापान से लेकर अमेरिका तक सुनामी का हाई अलर्ट जारी किया गया है जिसकी लहरें 3 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं.

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अमेरिका से लेकर जापान तक हाई अलर्ट

अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, यह भूकंप बेहद शक्तिशाली था और इसके कारण हवाई, जापान और रूस समेत प्रशांत महासागर से लगे कई तटीय इलाकों में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है. अमेरिकी और जापानी मौसम एजेंसियों ने सुनामी वॉच और एडवाइजरी जारी कर दी है. 

❗️FIRST pic of a kindergarten in Russia after walls COLLAPSED from earthquake

There were no children inside, everyone was able to evacuate in time https://t.co/mEmIhVlr3c pic.twitter.com/SS7XRq1lFM

— RT (@RT_com) July 30, 2025

खाली कराया गया फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट

जापान के होक्काइदो और होन्शू क्षेत्रों के लिए बाकायदा सुनामी चेतावनी (Tsunami Warning) जारी की गई है, जबकि शिकोको और क्यूशू को लेकर एडवाइजरी दी गई है. जापान की मौसम एजेंसी ने चेतावनी दी है कि 'सुनामी बार-बार आ सकती है, जब तक चेतावनी वापस न ले ली जाए, तब तक लोग समुद्र के पास या नदियों के किनारे बिल्कुल न जाएं.' जानकारी के मुताबिक, सुनामी की आशंका के चलते जापान के फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करवा लिया गया है. 2011 में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी से यहां भयानक तबाही मची थी.

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किन देशों और क्षेत्रों को है खतरा?

US Tsunami Warning Center के अनुसार, इस शक्तिशाली भूकंप के बाद रूस और हवाई के उत्तर-पश्चिमी द्वीपों पर 3 मीटर से अधिक ऊंची सुनामी लहरें उठने की संभावना जताई गई है. इसके अलावा, जापान, गुआम, हवाई, चिली और सोलोमन द्वीपों के तटों पर 1 से 3 मीटर ऊंची लहरें आ सकती हैं. फिलीपींस, पलाऊ, मार्शल आइलैंड्स, चूक, कोसरे, अमेरिका समोआ, फिजी, इंडोनेशिया, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, ताइवान, टोंगा, वानुअतु और समोआ सहित लगभग 50 से अधिक क्षेत्रों में 0.3 से 1 मीटर तक की लहरें पहुंचने की आशंका है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया, चीन, उत्तर और दक्षिण कोरिया, ब्रुनेई और वियतनाम जैसे देशों के तटीय इलाकों में लहरों की ऊंचाई 0.3 मीटर से कम रहने का अनुमान है.

A #tsunami warning is currently in effect for the Eastern Pacific Coast of #Hokkaido and #Tohoku region, #Kanto region, Izu & Ogasawara Islands, Tokai region, and Wakayama Prefecture. Tsunami waves may arrive imminently—evacuate immediately to higher ground. View estimated… pic.twitter.com/CsOTBYrJ8S

— U.S. Embassy Tokyo, ACS (@ACSTokyo) July 30, 2025

ताजा हो गईं 2011 की भयावह यादें

इस भूकंप ने एक बार फिर 2011 में जापान में आई तबाही की भयावह यादें ताजा कर दी हैं. उस साल टोहोकू क्षेत्र में आया 9.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद आई विनाशकारी सुनामी ने 15,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी. लाखों लोग बेघर हो गए थे और जापान को वर्षों तक इस त्रासदी से उबरने में समय लगा था. मौजूदा हालात ने लोगों के भीतर उसी तरह की चिंता और डर का माहौल पैदा कर दिया है.

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पहले भी आ चुके हैं झटके

बता दें कि जुलाई महीने में भी कामचटका के पास समुद्र में कई भूकंप दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक की तीव्रता 7.4 थी. अब 8.8 तीव्रता का यह झटका, न केवल रूस बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे की घंटी माना जा रहा है. कामचटका इससे पहले भी खतरनाक भूकंपों का केंद्र रहा है. 1952 में इसी क्षेत्र में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने हवाई तक भारी तबाही मचाई थी. 

अब तक का सबसे बड़ा भूकंप 1960 में चिली में आया था, जिसकी तीव्रता 9.5 मापी गई थी और इसमें 1,655 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद 1964 में अलास्का में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें सुनामी समेत 130 लोगों की जान गई. 2004 में सुमात्रा में आए 9.1 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप और उसके बाद आई सुनामी ने 2.8 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली.

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