'बातचीत की टेबल पर नहीं आए पुतिन तो लगा दूंगा बैन...', ट्रंप की सीधी धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर यूक्रेन युद्ध को लेकर व्लादिमीर पुतिन बातचीत की टेबल पर नहीं आते हैं तो हम रूस पर प्रतिबंध लगाएंगे.

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डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही ताबड़तोड़ फैसलों से दुनिया को हैरान कर दिया है. व्हाइट हाउस में पहले ही दिन उन्होंने कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए जिनमें देश की दक्षिणी सेना पर इमरजेंसी लगाने से लेकर डब्ल्यूएचओ और पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट से बाहर निकलना शामिल है. इस बीच उन्होंने पुतिन को भी चेतावनी दे दी है.

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ट्रंप ने राष्ट्रपति कार्यकाल के पहले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन युद्ध को लेकर व्लादिमीर पुतिन बातचीत की टेबल पर नहीं आते हैं तो हम रूस पर प्रतिबंध लगाएंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन से किसी भी समय मिलने के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्होंने साथ ही ये भी चेताया कि अगर यूक्रेन मामले को लेकर पुतिन बातचीत की टेबल पर नहीं आएं तो रूस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध को शुरू ही नहीं किया जाना चाहिए था. अगर अमेरिका का राष्ट्रपति सक्षम होता, जो यहां नहीं था तो ये युद्ध ही नहीं होता. अगर मैं पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होता तो यूक्रेन युद्ध नहीं होता. 

ट्रंप ने कहा कि पुतिन के साथ मेरी ट्यूनिंग अच्छी है. अगर मैं पहले राष्ट्रपति होता तो रूस, यूक्रेन पर कभी हमला नहीं करता. ऐसा कभी नहीं होता. पुतिन ने बाइडेन का निरादर किया है. वह बहुत स्मार्ट हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी संभावना है कि रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

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ट्रंप की शपथ ग्रहण में टूटे कई रिकॉर्ड

बता दें कि ट्रंप ने सोमवार को कैपिटल हिल के रोटुंडा हॉल में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. उनसे पहले जेडी वेंस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. 

ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी की थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हम इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इससे जुड़ा आदेश आज से इसे वापस ला रहे हैं.

उन्होंने सोमवार को कई कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि कार्यकारी आदेश का उद्देश्य फेडरल सरकार द्वारा अमेरिकी लोगों पर सेंसरशिप को तुरंत समाप्त करना है.

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद कई रिकॉर्ड टूटे हैं. उन्होंने इनडोर समारोह में शपथ ग्रहण की जो कि अमेरिकी इतिहास में दूसरी बार हुआ. ये फैसला कड़ाके की ठंड के बाद लिया गया था.

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