इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे मध्य पूर्व में एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के लिए परमाणु बम बनाने पर काम कर रहे प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाने का दावा किया है. ईरान के सरकारी समाचार पत्र नूर न्यूज ने पुष्टि की है कि शुक्रवार की सुबह तेहरान के उत्तर-पूर्व में विस्फोटों की सूचना मिली. एक इजरायली सैन्य अधिकारी ने कहा कि हमलों में ईरान के दर्जनों परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. इजरायली अधिकारी ने दावा किया कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच गया था और उसके पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध थी.
राष्ट्र के नाम संबोधन में बेंजामिन नेतन्याहू ने बताया कि हमने नतांज में ईरान के मुख्य परमाणु संवर्धन संयंत्र (Nuclear Enrichment Facility) को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि इजरायली फोर्सेज ने ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के सेंटर पर भी हमला किया. नेतन्याहू ने लॉन्ग लीव इजरायल और लॉन्ग लीव अमेरिका का नारा लगाया. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके नेतृत्व और ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के खिलाफ खड़ा होने के लिए धन्यवाद दिया. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने ईरानी सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले का पहला चरण पूरा कर लिया है.
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ईरान हमारा विनाश चाहता है, यह अस्तित्व की लड़ाई है: IDF
इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, 'आईडीएफ ने आज सुबह एक सटीक आक्रामक अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को टारगेट करना और उसे परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोकना था. इजरायली वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनों सैन्य ठिकानों और न्यूक्लियर प्रोग्राम फैसिलिटी को निशाना बनाया. आईडीएफ ने इस ऑपरेशन के लिए लंबे समय से तैयारी की थी और वह रक्षा और आक्रमण दोनों में पूरी तरह सक्षम है. ईरानी शासन इजरायल का विनाश चाहता है. इजरायल के अस्तित्व के लिए उभरते खतरे को ध्यान में रखकर यह एक आवश्यक कदम है. हम उस शासन के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियार नहीं दे सकते जो हमारा विनाश चाहता है. यह हमारे जीवन, हमारे भविष्य और हमारे बच्चों के भविष्य के लिए उठाया गया कदम है.'
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ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले में हमारा हाथ नहीं: अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ईरान पर इजरायली हमले के बाद एक बयान में कहा, 'आज रात, इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की. हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है. इजरायल ने हमें सलाह दी कि उसका मानना है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी. राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन ने हमारी सेनाओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और हमारे क्षेत्रीय भागीदारों के साथ निकट संपर्क में बने हुए हैं. मैं स्पष्ट कर दूं: ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए.'
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, 'हाल के वर्षों में, ईरान ने 9 परमाणु बमों के लिए पर्याप्त उच्च संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन किया है. हाल के महीनों में, ईरान ने ऐसे कदम उठाए हैं जो उसने पहले कभी नहीं उठाए, इस संवर्धित यूरेनियम से परमाणु हथियार बनाने जैसा कदम. और अगर इसे रोका नहीं गया, तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता है. यह एक साल में हो सकता है. यह कुछ महीनों में हो सकता है, एक साल से भी कम समय में हो सकता है. यह इजरायल के अस्तित्व के लिए एक स्पष्ट और मौजूदा खतरा है.'
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हम खुद की रक्षा के लिए शेरों की तरह उठ खड़े हुए: नेतन्याहू
नेतन्याहू ने कहा, '80 साल पहले, यहूदी नाजी शासन द्वारा किए गए नरसंहार के शिकार हुए थे. लेकिन आज यहूदी ईरानी शासन द्वारा परमाणु नरसंहार का शिकार होने से इनकार करते हैं. प्रधानमंत्री के रूप में, मैंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि इजरायल उन लोगों को कभी उस लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन विकसित करने की अनुमति नहीं देगा जो हमारे विनाश का आह्वान करते हैं. ईरान 3 साल के अंदर 10,000 बैलिस्टिक मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहा है. अब जरा सोचिए, 10,000 टन टीएनटी न्यू जर्सी के आकार के देश पर गिरे. यह एक असहनीय खतरा है. इसे भी रोका जाना चाहिए. मैं सभ्य विश्व को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम विश्व की सबसे खतरनाक सरकार को विश्व के सबसे खतरनाक हथियार नहीं मिलने देंगे. और ईरान उन हथियारों, परमाणु हथियारों को अपने आतंकवादी सहयोगियों को देने की योजना बना रहा है, जिससे परमाणु आतंकवाद का दुःस्वप्न और भी वास्तविक हो जाएगा. जब दुश्मन आपको नष्ट करने की कसम खाते हैं, तो उन पर विश्वास करें. जब दुश्मन सामूहिक मौत के हथियार बनाते हैं, तो उन्हें रोकें. जैसा कि बाइबल हमें सिखाती है, जब कोई आपको मारने आए, तो उठो और पहले कार्रवाई करो. ठीक यही आज इजरायल ने किया है, हम खुद की रक्षा के लिए शेरों की तरह उठ खड़े हुए हैं.'
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