इजरायल में संसद भंग करने का बिल पेश, संकट में नेतन्याहू सरकार, आखिर क्यों खिलाफ हुई सहयोगी पार्टियां?

इजरायल की सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में धार्मिक छात्रों को सैन्य सेवा से छूट को असंवैधानिक करार दिया था. तब से लेकर अब तक कई सरकारें इस पर कोई नया कानून पास नहीं कर पाई हैं. नेतन्याहू के गठबंधन में शामिल दोनों अति-रूढ़िवादी पार्टियां इस मुद्दे पर बेहद नाराज हैं.

Advertisement
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Image: AP) इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Image: AP)

aajtak.in

  • यरुशलम,
  • 12 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:14 AM IST

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार संकट में है क्योंकि बुधवार को विपक्ष ने संसद भंग करने का विधेयक पेश कर दिया है. वजह है- उनकी सहयोगी अति-रूढ़िवादी (Ultra-Orthodox या 'हारेदी') पार्टियों का गुस्सा. इन पार्टियों ने धमकी दी है कि अगर धार्मिक छात्रों को सैन्य सेवा से छूट देने वाला कानून पास नहीं हुआ तो वे संसद (Knesset) भंग करने के प्रस्ताव का समर्थन करेंगी.

Advertisement

हाल के दिनों में गठबंधन के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई है ताकि इस विवाद का समाधान निकाला जा सके. यह मुद्दा इजरायली राजनीति में दशकों से विवाद का कारण रहा है, लेकिन हमास के साथ युद्ध के 21वें महीने में यह और भी संवेदनशील हो गया है.

प्रस्ताव पास भी हुआ तो तुरंत नहीं गिरेगी सरकार

सरकारी सूत्रों को अभी भी उम्मीद है कि कोई समझौता हो सकता है. मंगलवार को इजरायली मीडिया ने रिपोर्ट किया कि संसद भंग करने वाले प्रस्ताव को एक हफ्ते के लिए टालने की कोशिश की जा रही है. अगर यह प्रस्ताव पास हो भी जाए तो भी तुरंत सरकार नहीं गिरेगी क्योंकि संसद भंग करने वाले बिल को कानून बनने से पहले चार चरणों में वोटिंग से गुजरना होता है.

हालांकि, नेतन्याहू के गठबंधन में शामिल दोनों अति-रूढ़िवादी पार्टियां इस मुद्दे पर बेहद नाराज हैं. इजरायल की सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में धार्मिक छात्रों को सैन्य सेवा से छूट को असंवैधानिक करार दिया था. तब से लेकर अब तक कई सरकारें इस पर कोई नया कानून पास नहीं कर पाई हैं.

Advertisement

सहयोगी दल भी हुए खिलाफ

पिछले हफ्ते छोटी पार्टी 'यूनाइटेड टोरा जूडाइज़्म' ने ऐलान किया कि अगर कोई समाधान नहीं निकला तो वह संसद भंग करने के पक्ष में वोट करेगी. इसी सोमवार को बड़ी पार्टी 'शास' ने भी चेतावनी दी कि अगर बुधवार तक समाधान नहीं हुआ तो वह भी प्रस्ताव के समर्थन में वोट देगी.

'शास' प्रवक्ता आशेर मेदिना ने इजरायली पब्लिक रेडियो से कहा, 'हमें दक्षिणपंथी सरकार गिराने में खुशी नहीं है, लेकिन अब हम एक तरह के ब्रेकिंग पॉइंट पर आ गए हैं. अगर आखिरी समय में कोई समाधान नहीं निकला, तो शास संसद भंग करने के पक्ष में वोट करेगा.'

महीनों खिंच सकता है राजनीतिक संकट

अधिकारियों का कहना है कि संसद भंग करने की पूरी प्रक्रिया हफ्तों या महीनों तक चल सकती है. गठबंधन ने बुधवार को संसद की कार्यसूची में दर्जनों अन्य बिल जोड़ दिए हैं ताकि समय खींचा जा सके. नेतन्याहू की 'लिकुड' पार्टी उस समिति को भी नियंत्रित करती है जो तय करेगी कि प्रस्ताव कितनी तेजी से आगे बढ़ेगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement