अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने रविवार को साफ कहा कि अमेरिका ईरान के साथ युद्ध नहीं कर रहा, बल्कि उसका लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए आदेश पर अमेरिका ने जो हमले किए उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कई वर्षों पीछे धकेल दिया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक जेडी वेंस ने कहा कि हम ईरान के खिलाफ युद्ध नहीं कर रहे. हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. ईरान को अब परमाणु हथियार विकसित करने में बहुत लंबा समय लग सकता है.
एनबीसी के कार्यक्रम 'मीट द प्रेस' में जेडी वेंस ने कहा कि हमले से ठीक पहले ट्रंप ने अंतिम निर्णय लिया और अमेरिका को अब तेहरान से कुछ 'अप्रत्यक्ष संदेश' भी मिले हैं. उन्होंने कहा कि हम ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते. हमारा लक्ष्य सिर्फ परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना है. हम चाहते हैं कि इसके बाद ईरान से दीर्घकालिक समाधान पर बात हो. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका की जमीन पर सैनिक भेजने की कोई मंशा नहीं है.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि ईरान ईमानदारी से बातचीत नहीं कर रहा था, जिससे अमेरिका को सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी. दोनों देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता चल रही थी.
डेमोक्रेट नेताओं की आलोचना, वेंस का जवाब
कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने ट्रंप की कार्रवाई को संविधान के खिलाफ बताया है और कहा कि केवल अमेरिकी कांग्रेस को युद्ध की अनुमति देने का अधिकार है. इसके जवाब में वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के पास अमेरिकी हितों की रक्षा और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए स्पष्ट अधिकार है.
'अगर ईरान ने हमला किया, तो मिलेगा करारा जवाब'
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ईरान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर ईरान अमेरिका पर हमला करता है, तो उसे करारा जवाब मिलेगा. वेंस ने कहा कि हमने ईरान के राष्ट्र पर हमला नहीं किया है. हमने किसी भी नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया. हमने उन तीन परमाणु हथियार सुविधाओं के अलावा किसी और सैन्य ठिकाने पर भी हमला नहीं किया.
'ईरान पर ऑपरेशन अमेरिकी सेना की क्षमता का प्रमाण'
जेडी वेंस ने कहा कि बीती रात का सैन्य ऑपरेशन अमेरिकी वायुसेना और सैन्यकर्मियों की अद्वितीय क्षमता और समर्पण का प्रमाण है. वेंस ने X पर लिखा कि बीती रात का ऑपरेशन अमेरिकी पायलटों और सैनिकों की बहादुरी और दक्षता का जीवंत उदाहरण है, जनरल डैन केन और जनरल कुरिल्ला से लेकर पूरी टीम तक. उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया भले ही राष्ट्रपति ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम की आलोचना करता रहा हो, लेकिन यह ऑपरेशन बिना उनकी सटीक योजना और गोपनीयता के संभव नहीं था.
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