मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अचानक दिल्ली पहुंचे और वहां पहुंचते ही बैक टू बैक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फिर तुरंत बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से एक के बाद एक मुलाकत की. ये तीनों मुलाकातें करीब तीन घंटे की रहीं. इन तीन मुलाकातों में सबसे लंबी बातचीत राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुई, जो करीब एक घंटे तक चली.
पीएम मोदी से किन मुद्दों पर बात?
दिल्ली दौरे पर सीएम योगी ने बाद में जनरल वीके सिंह से भी मुलाकात की. आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी से हुई मुलाक़ात को जेवर एयरपोर्ट के उद्घाटन का निमंत्रण बताया गया और कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया था और अब अक्टूबर में इसका उद्घाटन प्रस्तावित है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली आकर PM मोदी और अमित शाह से मिले CM योगी, सिर्फ शिष्टाचार भेंट या बड़ा राजनीतिक संकेत?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन तीनों मुलाकातों के बाद एक पर पोस्ट लिखते हुए इन मुलाकातों के लिए अपने शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद दिया और मार्गदर्शन के लिए आभार जताया. यह मुलाकात एक शिष्टाचार मुलाकात मानी जाती, अगर इन मुलाकातों के पहले दोनों डिप्टी सीएम से शीर्ष नेतृत्व की अलग-अलग मुलाकात नहीं हुई होती. माना जा रहा कि इस मुलाकात में बहुत कुछ है, क्योंकि इन 3 घंटे की मुलाकात के तीन अहम पक्ष हैं.
नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चा!
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष तय होना है, इसके अलावा व्यापक मंत्रिमंडल फेरबदल है, साथ ही साथ कई मंत्रियों के कामों की समीक्षा और प्रशासनिक फेरबदल प्रस्तावित हो सकते हैं. यह बदलाव कब होंगे फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद तुरंत ढेरों बदलाव होंगे.
सहयोगियों की लगातार बढ़ती नाराजगी, खासकर अनुप्रिया पटेल की योगी सरकार से नाराजगी और बेरुखी साफ है. ऐसे में सहयोगी दलों की भूमिका क्या हो सकती है और कैसे उनकी नाराजगी को दूर करते हुए 2027 तक कदमताल करना है, इस पर भी चर्चा हुई है. ऐसा भी माना जा रहा है.
वोटबैंक खिसकने की चिंता
सिर्फ अनुप्रिया पटेल ही नहीं कई विधायक भी खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. कई मंत्री भी अफसरशाही को लेकर अपनी व्यथा व्यक्त कर चुके हैं. हाल के दिनों में नंदगोपाल नदी, संजय निषाद और आशीष पटेल जैसे मंत्री मीडिया में सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: योगी सरकार का बड़ा फैसला, अग्निवीरों को देगी 20% आरक्षण, आयु में मिलेगी 3 वर्ष की छूट भी
नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही नया संगठन बनना है, जो कि 2027 में बीजेपी को चुनाव में लेकर जाएगा. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बड़ा ओबीसी और दलित वोटबैंक पार्टी से खिसक चुका है, दूसरी तरफ अखिलेश यादव लगातार अपने पीडीए को मजबूत करते जा रहे हैं.
ऐसे में बीजेपी के सामने सांगठनिक-प्रशासनिक चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. नाराज नेताओं का एक बड़ा समूह दिल्ली में शीर्ष नेताओं को ओबीसी की नाराजगी को लेकर अपना फीडबैक देता रहता है.
मंत्रिमंडल फेरबदल पर हुई बात?
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश का भी प्रदेश अध्यक्ष तय होना है. ऐसे में जिन नामों की चर्चा इस वक्त चल रही है, उसे लेकर भी मुख्यमंत्री योगी की बातचीत हुई होगी. जेपी नड्डा से लंबी मुलाकात में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं, कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने पर भी चर्चा हुई होगी, यह माना जा रहा है. जिनके कामकाज से पार्टी खुश नहीं है या फिर जिन पर आरोप हैं, ऐसे कई लोगों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है.
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ में एक फाइल भी दिखाई दी, जो वह पीएम से मिलते वक्त साथ लेकर गए थे. कयास हैं कि कई मुद्दों पर उन्होंने प्रधानमंत्री से अपनी बात सीधे तौर पर रखी हो. हालांकि प्रधानमंत्री से यह मुलाकात काफी वक्त बाद हुई है, ऐसे में इन मुलाकातों का बहुत महत्व है. बदलाव तो तय हैं लेकिन बदलाव कब और कैसे होते हैं, इस पर शर्तिया तौर पर कोई कुछ नहीं कह सकता.
कुमार अभिषेक