प्रयागराज में माघ मेले की तैयारियों को लेकर उस समय माहौल गरमा गया, जब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य औचक निरीक्षण पर पहुंचे. संगम नगरी में चल रही तैयारियों को नजदीक से देखने पहुंचे डिप्टी सीएम का रुख उस वक्त सख्त हो गया, जब संगम नोज पर अब तक स्नान घाट पूरी तरह तैयार नहीं मिला. निरीक्षण के दौरान उनकी नाराजगी साफ झलकती दिखी. इसी बीच प्रयागराज के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को लेकर दिया गया उनका एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने निरीक्षण के बाद जब अपनी गाड़ी की ओर बढ़ते हुए डीएम मनीष कुमार वर्मा से कहा 'सतुआ बाबा की रोटी के चक्कर में मत पड़ो'तो मौके पर मौजूद लोग खुद को हंसी रोक नहीं पाए. कुछ पल के लिए माहौल हल्का जरूर हो गया, लेकिन संदेश काफी गंभीर था. यह टिप्पणी सीधे-सीधे माघ मेले की तैयारियों में प्राथमिकताओं को लेकर दी गई नसीहत के तौर पर देखी जा रही है.
दरअसल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य माघ मेले की व्यवस्थाओं का औचक स्थलीय निरीक्षण करने प्रयागराज पहुंचे थे. संगम नोज, जो माघ मेले का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, वहां स्नान घाटों का अधूरा काम देखकर वह असंतुष्ट नजर आए. उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस और मेला अधिकारियों से सवाल-जवाब भी किए. डिप्टी सीएम ने पूछा कि मेला अधिकारी और जिलाधिकारी कहां हैं. इसी बीच आनन-फानन में डीएम मनीष कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे. निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि माघ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा विषय है. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जा सकती. संगम नोज पर स्नान घाटों का समय से तैयार न होना उनकी नाराजगी का बड़ा कारण रहा. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट संकेत दे दिया कि अब देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सतुआ बाबा के यहां बनाई थी डीएम ने रोटी
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक वायरल वीडियो की भी अहम भूमिका बताई जा रही है. दरअसल, बीते बुधवार को प्रयागराज के खाक चौक इलाके में संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा के शिविर में डीएम मनीष कुमार वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. वीडियो में डीएम चूल्हे पर बैठकर रोटी बनाते नजर आ रहे थे. इसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं. किसी ने इसे प्रशासन की सादगी बताया तो किसी ने इसे दिखावा करार दिया.
यह वीडियो इतनी तेजी से वायरल हुआ कि इसकी गूंज राजधानी लखनऊ तक पहुंच गई. बताया जा रहा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी यह वीडियो देखा था. यही वजह है कि माघ मेले की तैयारियों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने डीएम को यह नसीहत दी. डिप्टी सीएम का कहना था कि किसी एक संत या शिविर पर ज्यादा ध्यान देने के बजाय, उन तमाम साधु-संतों और कल्पवासियों की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, जिन्हें अब तक मेले में जमीन, बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं.
दो टूक में कह दिया सब कुछ
डिप्टी सीएम ने डीएम से दो टूक कहा कि माघ मेले में व्यवस्थाएं संतुलित होनी चाहिए. किसी एक जगह पर प्रतीकात्मक गतिविधियों से ज्यादा जरूरी है कि जमीनी हकीकत सुधारी जाए. उनके इस बयान को प्रशासनिक प्राथमिकताओं पर सीधी टिप्पणी के रूप में देखा जा रहा है. मौके पर मौजूद अधिकारियों के सामने यह साफ हो गया कि अब माघ मेले की तैयारियों में किसी भी तरह की कोताही पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
उधर, ‘सतुआ बाबा की रोटी’ वाला बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. वीडियो और बयान को लेकर तरह-तरह के मीम्स और प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कुछ लोग इसे हल्के-फुल्के अंदाज में ले रहे हैं, तो कुछ इसे प्रशासनिक सख्ती का प्रतीक मान रहे हैं. हालांकि राजनीतिक गलियारों में भी इस टिप्पणी को लेकर चर्चाएं तेज हैं.
पंकज श्रीवास्तव