माता प्रसाद पांडे बने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, अखिलेश यादव ने लगाई मुहर

माता प्रसाद पांडे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. इस रेस में इंद्रजीत सरोज, रामअचल राजभर और तूफानी सरोज भी चल रहे थे, लेकिन अखिलेश यादव ने विधानसभा में अपना उत्तराधिकारी ब्राह्मण चेहरे को बनाया है.

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अखिलेश ने माता प्रसाद पांडे को को दी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी अखिलेश ने माता प्रसाद पांडे को को दी नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 28 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

समाजवादी पार्टी ने माता प्रसाद पांडे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. नेता प्रतिपक्ष की रेस में इंद्रजीत सरोज, रामअचल राजभर और तूफानी सरोज भी चल रहे थे, लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव ने विधानसभा में अपना उत्तराधिकारी पूर्वांचल से आने वाले ब्राह्मण चेहरे माता प्रसाद पांडे को बनाया है.

इससे पहले समाजवादी पार्टी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें विधायकों ने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जिम्मेदारी छोड़ दी थी. अखिलेश यादव ने विधानसभा के पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडे के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी.  इसके अलावा सपा की ओर से विधायक महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और राकेश कुमार उर्फ आरके वर्मा को उप सचेतक नियुक्त किया गया है.  

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इटवा सीट से विधायक हैं माता प्रसाद पांडे

माता प्रसाद पांडे सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से मौजूदा विधायक हैं. वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. माता प्रसाद पांडे सोमवार यानी कल से ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे. ऐसा कहा जा रहा था कि अखिलेश यादव अपने पीडीए फॉर्मूले के तहत पिछड़े समुदाय से आने वाले किसी चेहरे को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपेंगे. हालांकि उन्होंने एक बार फिर पूर्वांचल से आने वाले माता प्रसाद पांडे को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. माता प्रसाद को अखिलेश का करीबी माना जाता है.

अखिलेश यादव ने दिया था इस्तीफा   

इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद अखिलेश यादव खुद अपने पास रखे हुए थे. सपा मुखिया मैनपुरी की करहल सीट से विधायक थे. हालांकि 2024 में उन्होंने कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़कर जीत हासिल की, जिसके बाद वह दिल्ली की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने करहल सीट से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी छोड़ दिया था. उसके बाद ये भी अटकलें लगाई गईं कि अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव को यह जिम्मेदारी सौंप सकते हैं, लेकिन सपा की नजर पिछड़े समाज पर है. इसलिए कहा जा रहा था कि पासी या राजभर समुदाय से आने वाले किसी चेहरे को जिम्मेदारी दी जा सकती है. 

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