हाथ में पत्नी का कटा सिर लेकर पैदल थाने पहुंच गया था हैवान पति, बोला- साहब, मैंने इसे मार डाला... कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

Crime News: पत्नी की हत्या मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी करार दिया और फांसी की सजा सुनाई है. इस दौरान अभियोजन ने 11 गवाह पेश किए, 5 जज बदले गए, 60 से ज्यादा तारीखें पड़ीं.

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पत्नी का कटा सिर लेकर थाने पहुंचा था पति. (फाइल फोटो) पत्नी का कटा सिर लेकर थाने पहुंचा था पति. (फाइल फोटो)

सिद्धार्थ गुप्ता

  • बांदा ,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अदालत ने एक मामले में आरोपी पति को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. चरित्र शक के चलते पति ने धारदार हथियार से अपनी पत्नी का गला काट डाला था और फिर हैवानियत दिखाते हुए बाल पकड़कर कटे सिर को लेकर चौराहों से पैदल चल थाना पहुंच गया. यह नजारा देख राहगीर विचलित हो उठे थे. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी करार दिया और फांसी की सजा सुनाई है. इस दौरान अभियोजन ने 11 गवाह पेश किए, 5 जज बदले गए, 60 से ज्यादा तारीखें पड़ीं.

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जिले के बबेरू कोतवाली क्षेत्र के नेता नगर का यह मामला है. यहां रहने वाले किन्नर यादव (39 वर्ष) को अपनी पत्नी विमला देवी पर शक था कि इसका किसी से नाजायज संबंध हैं. उसने 9 अक्टूबर 2020 में कथित तौर पर पहले पत्नी की फरसे से गला काटकर हत्या कर दी, फिर एक शख्स (महिला का कथित प्रेमी) पर भी हमला कर दिया. इसके बाद वह पत्नी का कटा सिर बाल से पकड़े हुए सड़क से पैदल चलकर थाने पहुंचा और मौजूद पुलिस अधिकारियों से बोला- ''साहब, मैंने इसको मार डाला.'' 

सिर कटा देख राहगीर समेत पुलिस वाले दंग रह गए, पुलिस ने महिला के क्षत विक्षत शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और इधर घायल प्रेमी को अस्पताल भेजा. इसके बाद 302 सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी पति को जेल भेज दिया. विवेचना शुरू की. 

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पत्नी की हत्या के दोषी पति को फांसी की सजा. (लाल गमछे में दोषी)

कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह परिहार ने बताया कि बबेरू कोतवाली क्षेत्र की 9 अक्टूबर 2020 की घटना है, जिसमें किन्नर यादव ने अपनी पत्नी विमला की नृशंस हत्या की थी, सिर धड़ से अलग कर सड़क पर पैदल चलकर थाना पहुंचा था. इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी करार दिया और फांसी की सजा सुनाई है, साथ ही 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है. 

पौने चार साल में फैसला आया है, क्योंकि इसमें एक गवाह जो घायल था, उसने गांव छोड़ दिया था, उसको ट्रेश करने में ढाई साल लग गए, तब अदालत फैसले तक पहंची. हमने 11 गवाह पेश किए. इस मामले में 60 के करीब तारीख लगीं, 5 जज बदले गए. 

घटना की वजह यह थी कि आरोपी पति अपनी पत्नी पर शक करता था. जिस वजह से उस कथित प्रेमी को घर बुलाकर मारने का प्रयास किया था. हालांकि, युवक ने भागकर जान बचाई. आरोपी दोनों की हत्या करना चाहता था. 

एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि हम कोर्ट के प्रत्येक मामलों में जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर सजा दिलवाने के लिए काम कर रहे हैं. मैं खुद इसकी मॉनिटरिंग करता हूं. आज एक हत्या के मामले में निष्पक्ष विवेचना के तहत फांसी की सजा हुई है.

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