'मिशन अस्मिता' के जरिए हिंदू लड़कियों को टारगेट, नेपाल से भूटान तक नेटवर्क, कंप्यूटर में एक्सपर्ट... आगरा धर्मांतरण रैकेट में बड़े खुलासे

आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि धर्मांतरण की यह साजिश भारत के कई राज्यों के साथ-साथ नेपाल, भूटान और कश्मीर, सिलीगुड़ी तक फैली हुई थी. मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल के नेतृत्व में यह नेटवर्क 'मिशन अस्मिता' जैसे अभियान के नाम पर लड़कियों को निशाना बना रहा था. 

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पुलिस की गिरफ्त में धर्मांतरण गैंग का सरगना अब्दुल रहमान कुरैशी (Photo- ITG) पुलिस की गिरफ्त में धर्मांतरण गैंग का सरगना अब्दुल रहमान कुरैशी (Photo- ITG)

अरविंद शर्मा

  • आगरा ,
  • 24 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के आगरा में धर्म परिवर्तन का रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा था. इस रैकेट को लेकर रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि धर्मांतरण की यह साजिश भारत के कई राज्यों के साथ-साथ नेपाल, भूटान और कश्मीर, सिलीगुड़ी तक फैली हुई थी. मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल के नेतृत्व में यह नेटवर्क 'मिशन अस्मिता' जैसे अभियान के नाम पर लड़कियों को निशाना बना रहा था. 

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इस मिशन के तहत आगरा से गायब दो लड़कियों के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना साइबर थाना द्वारा की जा रही है. अब तक पुलिस ने कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें- जुनैद कुरैशी, अब्दुल्ला, अब्दुल रहमान शामिल हैं. अब्दुल मूलरूप से यूपी फिरोजाबाद का रहने वाला है और एक समय उसका नाम महेंद्र पाल था. बाद में उसने धर्म बदल लिया. 

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पुलिस कमिश्नर के अनुसार, हरियाणा की रहने वाली लड़की ममता का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया गया और गलत तरीके से जुनैद कुरैशी ने उससे निकाह किया. हरियाणा की लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 सीआरपीसी के तहत इकबालिया बयान दिया है, जिसमें उसने बताया कि जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराया गया और निकाह करने वाले जुनैद ने उसे धोखे में रखा. 

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यह निकाह जयपुर के एक काजी ने कराया था. पुलिस कमिश्नर ने बताया की काजी के पास भी पुलिस की टीम भेजी जा रही है जिससे वास्तविकता की जांच हो सके. जुनैद कुरैशी दिल्ली निवासी है और उसने ममता से जबरन निकाह किया. जुनैद का संबंध धर्मांतरण के सरगना और मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान से है. 

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कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि अब्दुल रहमान ने पूछताछ में खुलासा किया कि धर्मांतरण का यह रैकेट अब्दुल रहमान के करीबी कलीम के जाने के बाद खुद उसने संभाल रखा था. अब्दुल रहमान ने यह भी बताया कि जो इस्लामी साहित्य मिला है वह उसने ही छपवाया था. इस रैकेट से जुड़े लोग इस्लामी साहित्य की छपाई, प्रचार-प्रसार और बौद्धिक आयोजन में सक्रिय थे. पुलिस को भारी मात्रा में इस्लामी साहित्य, मोबाइल फोन, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डाटा भी बरामद हुआ है. 

कमिश्नर ने बताया कि अब्दुल रहमान ने पूछताछ में कबूल किया है कि वह पिछले वर्षों में कश्मीर, नेपाल, भूटान और सिलीगुड़ी जैसे इलाकों में जाकर धर्म परिवर्तन पर आयोजन करता था. वह इन इलाकों में सक्रिय नेटवर्क से जुड़ा था. अब इन यात्राओं की जानकारी पुलिस खंगाल रही है. 

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इस मामले में जो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, वे बेहद पढ़े-लिखे और तकनीकी रूप से दक्ष हैं. इनमें से कई कंप्यूटर की 10 से अधिक भाषाएं जानते हैं और इंटरनेट व सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करते हैं. मुख्य आरोपी रहमान कुरैशी समाज की नजर में 12वीं फेल था, लेकिन उसके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर हैं और वह धाराप्रवाह अंग्रेज़ी बोलता है. रहमान कुरैशी कंप्यूटर की 10 लैंग्वेज का जानकार है. उसके सहयोगी अली के पास भी कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान है. 

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कमिश्नर दीपक कुमार ने आगे बताया कि विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के पहलुओं की भी गहराई से जांच की जा रही है. इस नेटवर्क का दायरा बड़ा है और पुलिस साइबर व टेक्निकल एक्सपर्ट्स की मदद से पूरे रैकेट को उजागर करने में जुटी है. 

पुलिस की जांच टीम राजस्थान, भोपाल और अन्य राज्यों में भी भेजी गई है, ताकि आरोपियों की गतिविधियों और संपर्कों की पुष्टि हो सके. वहीं, हरियाणा की लड़की, जिसने बताया कि उसे बंधक बनाकर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया, उसकी गवाही इस केस में मजबूत कड़ी बन रही है. 

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यह मामला सिर्फ आगरा या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं, बल्कि देश विदेश में फैले एक संगठित धर्मांतरण रैकेट की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं. पुलिस की जांच जारी है, और कई और चौंकाने वाले खुलासे सामने आने की संभावना है. 

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