आगरा में धर्मांतरण का एक और बड़ा सिंडिकेट उजागर हुआ है. डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि आगरा पुलिस ने छह राज्यों में दबिश देकर अवैध धर्मांतरण में शामिल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह रैकेट नाबालिग लड़कियों को 'लव जिहाद' में फंसाकर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराता था.
इस गिरोह के काम करने का तरीका आतंकी संगठन आईएसआईएस के तौर-तरीकों से मेल खाता है. जांच में इसके तार एसडीपीआई और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़े पाए गए हैं.
छह राज्यों में फैला गिरोह का जाल
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के मुताबिक, मार्च में दो बहनों की गुमशुदगी की जांच के दौरान इस रैकेट का सुराग मिला था. साइबर सेल की मदद से पता चला कि गिरोह के तार देश के छह राज्यों से जुड़े हैं. इसके बाद पुलिस की 50 सदस्यीय टीमों को गोवा समेत कई राज्यों में भेजा गया, जहां से कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. सभी की भूमिकाएं अलग-अलग थीं- कोई लीगल मदद मुहैया कराता था तो कोई नए मोबाइल फोन और सेफ हाउस की व्यवस्था करता था.
सैकड़ों का धर्मांतरण करवा चुका है गैंग
अब तक यह गैंग सैकड़ों लोगों का धर्मांतरण करवा चुका है. जांच में सामने आया कि इनके अलग-अलग मॉड्यूल काम करते थे- एक ग्रुप फंडिंग जुटाता था, दूसरा लोगों को रैडिकलाइज करता था और तीसरा उन्हें छिपाने की व्यवस्था करता था. गिरफ्तार आरोपियों में शामिल एक पीड़िता की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह धर्मांतरण और कट्टरपंथ के बाद AK-47 के साथ नजर आ रही है.
अमेरिका, कनाडा और दुबई से फंडिंग के सबूत
इस रैकेट को अमेरिका, कनाडा और दुबई से फंडिंग मिलने के भी सबूत मिले हैं. पुलिस को शक है कि इस सिंडिकेट का कनेक्शन पीएफआई और एसडीपीआई के साथ-साथ पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से भी हो सकता है. गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
संतोष शर्मा