कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं. स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग लोगों की मदद के लिए आगे आ रहा है. इसी बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक महिला ने अपने बीमार बच्चे के लिए गुहार लगाई तो उसके लिए 20 लीटर ऊंटनी का दूध उपलब्ध करा दिया गया.
दरअसल, यह पूरा मामला मुंबई का है, यहां चेंबूर की एक महिला ने ट्विटर
पर मदद मांगी. उसने लिखा कि उनका साढ़े तीन साल का बेटा ऑटिज्म और एलर्जी
से जूझ रहा है. वह सिर्फ कैमल मिल्क और थोड़ी सी दाल के सहारे ही जीवित है और लॉकडाउन की स्थितियों में कैमल मिल्क मिलना असंभव हो गया है.
महिला ने लिखा कि अगले कुछ दिनों में दूध खत्म हो जाएगा और बच्चे के लिए इसकी
बहुत जरूरत है. महिला ने यह भी लिखा कि यह दूध राजस्थान में मिलेगा.
महिला
का यह ट्वीट वायरल हो गया. लोग इस पर प्रतिकिया देने लगे. इसके बाद इस पर
आईपीएस अरुण बोथरा ने जवाब दिया. राजस्थान के रहने वाले आईपीएस ने महिला से
संपर्क किया. अरुण ने ही राजस्थान के कुछ रेलवे अधिकारियों को
इसकी जानकारी दी और महिला तक दूध पहुंचाने की कवायद शुरू की गई.
आईपीएस
अरुण बोथरा ने फिर इस मामले में ट्वीट करते हुए बताया कि अजमेर के सीनियर
डीसीएम महेश चंद जुरालिया के साथ इस मामले पर बातचीत हुई है.
लुधियाना और बांद्रा के बीच चलने वाली पार्सल कार्गो ट्रेन 00902 को
राजस्थान के फालना स्टेशन पर रोक दिया जाएगा और दूध को वहीं से उठाया
जाएगा और मुंबई में महिला को दिया जाएगा.
इसके बाद नॉर्थ वेस्टर्न
रेलवे के चीफ पैसेंजर ट्रैफिक मैनेजर तरुण जैन ने अजमेर के अपने अधिकारियों
से ऊंटनी के दूध का बंदोबस्त करने को कहा. अधिकारियों ने ऊंटनी के दूध का
इंतजाम कर दिया. लुधियाना से बांद्रा जा रही पार्सल ट्रेन फालना पहुंची.
यहां से 20 लीटर कैमल मिल्क ट्रेन में चढ़वा दिया और फिर गाड़ी मुंबई रवाना
हो गई.
मुंबई पहुंचते ही अधिकारी से अनुमति लेने के बाद ट्रेन को
रोक दिया गया और दूध बांद्रा में महिला को दिया गया. अरुण बोथरा ने
बाद में जानकारी दी कि ट्रेन से 20 लीटर दूध मुंबई पहुंचा दिया गया है.
बोथरा ने इसके लिए भारतीय रेलवे का धन्यवाद किया.