साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान में इतिहास रच दिया. टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली अफ्रीकी टीम ने भारत को 124 रनों का टोटल चेज नहीं करने दिया और 30 रनों से जीत हासिल की. टेस्ट चैम्पियन साउथ अफ्रीका की ये जीत इसलिए भी खास है क्योंकि 15 साल बाद अफ्रीका की टीम ने भारत को टेस्ट क्रिकेट में मात दी है. इस जीत के साथ ही साउथ अफ्रीका ने 2 मैचों की इस सीरीज में अब 1-0 से बढ़त बना ली है. लेकिन आपको बताते हैं भारत की इस शर्मनाक हार के 5 कारण...
बल्लेबाजों का शर्मनाक प्रदर्शन, टी20 स्टाइल पड़ा भारी
कोलकाता टेस्ट की दोनों पारियों में भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह से फ्लॉप रही. पहली इनिंग की बात करें तो भारत ने कुल 189 रन बनाए. लेकिन एक भी बल्लेबाज फिफ्टी नहीं जड़ सका. टॉप ऑर्डर बुरी तरह फ्लॉप रहा. वहीं मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज टी20 स्टाइल में बल्लेबाजी करते दिखे. जबकि पिच इसके बिलकुल मुफीद नहीं थी. लेकिन हर बल्लेबाज अटैकिंग सोच के साथ आया और विकेट गंवाए. नतीजा ये हुआ की भारत को मामूली बढ़त मिली.
दूसरी पारी में तो ढह गई बल्लेबाजी
लेकिन पहली पारी में सबक लेने की बजाय भारतीय टीम ने दूसरी पारी में और बुरा प्रदर्शन किया. साउथ अफ्रीका ने महज 124 रनों का लक्ष्य दिया था. तीसरे ही दिन का खेल था. लेकिन भारतीय बल्लेबाज शुरू से ही फ्लॉप रहे. सलामी जोड़ी फ्लॉप रही. यशस्वी दोनों पारियों में कुछ खास नहीं कर सके. टीम 93 पर ढह गई.
स्पिन खेलने में दिखी चुनौती...
इस मैच की दोनों पारियों में भारतीय बल्लेबाजी जिस स्पिन को अच्छे से खेलने के लिए जानी जाती है. उसके बिलकुल उलट दिखी. कोई भी बल्लेबाज स्पिनर गेंदबाज को ठीस से नहीं खेल सका. पंत पहली ही गेंद से प्रयोगी शॉट खेलते दिखे. जुरेल ने भी अपना विकेट थ्रो किया. कोई भी बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल सका. नतीजा 93 रन पर भारतीय पारी सिमट गई.
यशस्वी का फ्लॉप शो, पंत में धैर्य नहीं
इस हार का एक बड़ा कारण यशस्वी का न चलना भी है. दोनों पारियों में यशस्वी बुरी तरह फेल रहे. दूसरी पारी में वो खाता भी नहीं खोल सके. वहीं, पंत ने पहली पारी में जरूर 27 रन बनाए थे. लेकिन दूसरी पारी की पहली ही गेंद से वो अटैकिंग मोड में दिखे. जबकि डिमांड धैर्य वाली पारी की थी. नतीजा वो 2 रन बनाकर आउट हो गए.
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गिल की इंजरी भी एक वजह
इस हार का एक कारण कप्तान गिल की इंजरी भी रही. कप्तान गिल पहली पारी में जब बल्लेबाजी के लिए आए तो केवल 3 गेंद ही खेल सके. इसके बाद उनके गर्दन में उन्हें समस्या दिखी और मैदान से बाहर जाना पड़ा. दूसरी पारी में वो बैटिंग के लिए भी नहीं आ सके. गिल की कमी से भारतीय टीम एक कम बल्लेबाज के साथ मैदान में उतरी थी.
न अनुभव दिखा न धैर्य
कुल मिलाकर इस हार का एक सबसे बड़ा कारण जो था वो ये था कि इस भारतीय टीम में न अनुभव दिखा और न ही धैर्य. 124 रनों के टोटल में जब शुरुआत अच्छी नहीं हुआ तो धैर्य की जरूरत थी. लेकिन बल्लेबाज टिक नहीं सके. साझेदारी नहीं बना सके. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इकलौते सुंदर ही ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्होंने 50 से ज्यादा गेंदें खेली. बाकी कोई बल्लेबाज 50 गेंद तक नहीं खेल सका. यानी धैर्य दिखाने की जहमत तक नहीं उठाई.
ऐसा रहा मुकाबला
इस मैच में साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 159 रन बनाए थे. इसके जवाब में भारत ने 189 रन बनाए और 30 रन की बढ़त ली. दूसरी पारी में भी भारतीय गेंदबाजों ने साउथ अफ्रीका को 153 पर समेट दिया. बावुमा ने नाबाद 55 रन बनाए. भारत के सामने 124 रनों का लक्ष्य था. लेकिन 93 के स्कोर पर भारतीय टीम सिमट गई. भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन सुंदर (31) ने बनाए.
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