सचिन तेंदुलकर के विदाई टेस्ट में मैन ऑफ द मैच था ये बॉलर, अब लिया संन्यास

सचिन का विदाई टेस्ट इस गेंदबाज का भी आखिरी टेस्ट साबित हुआ. उस टेस्ट में ओझा ने कुल 10 विकेट (5/40, 5/49) चटाकाए थे और प्लेयर ऑफ द मैच रहे.

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Pragyan Ojha Pragyan Ojha

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

  • प्रज्ञान ओझा ने 2009 में भारत की ओर से टेस्ट डेब्यू किया था
  • नवंबर 2013 में आखिरी टेस्ट खेला, जो सचिन का विदाई मैच रहा

प्रज्ञान ओझा ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. 33 साल के इस बाएं हाथ के स्पिनर ने शुक्रवार को सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट शेयर कर अपने रिटायरमेंट के बारे में बताया. प्रज्ञान ओझा ने ट्वीट कर लिखा, 'यह मेरे जीवन के अगले चरण में आगे बढ़ने का समय है. सभी का प्यार और समर्थन हमेशा मेरे साथ रहेगा और मुझे हर समय प्रेरित करेगा.'

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उन्होंने कहा ,‘भारत के लिए इस स्तर पर खेलना हमेशा से मेरा सपना था. मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि कितना खुशकिस्मत हूं कि मेरा सपना पूरा हुआ. मुझे देशवासियों का इतना प्यार और सम्मान मिला.’

प्रज्ञान ओझा ने भारत की ओर से 24 टेस्ट मैचों में 113 विकेट निकाले, जबकि 18 वनडे इंटरनेशनल में उन्होंने 21 विकेट चटकाए. 6 टी-20 इंटरनेशनल में उनके हिस्से 10 विकेट आए. उन्होंने आखिरी टेस्ट वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में नवंबर (14-16) 2013 में खेला, जो सचिन तेंदुलकर के करियर का आखिरी टेस्ट मैच था. ओझा का टेस्ट करियर चार साल (2009-2013) का रहा.

मजे की बात है कि सचिन का विदाई टेस्ट प्रज्ञान ओझा का भी आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. इसके बाद उन्हें भारतीय टीम की ओर से दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला. अपने अंतिम टेस्ट में ओझा ने कुल 10 विकेट (5/40, 5/49) चटाकाए थे और प्लेयर ऑफ द मैच रहे. प्रज्ञान ओझा की फिरकी की बदौलत सचिन के उस विदाई मैच को भारत ने पारी और 126 रनों से जीता था.

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प्रज्ञान ओझा ने कुल 108 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 424 विकेट निकाले. पारी में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 7/58 रही. उन्होंने अपना आखरी फर्स्ट क्लास मैच बिहार की ओर से नवंबर 2018 में खेला. ओझा ने 2005 में हैदराबाद की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था.

आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस के लिए खेल चुके ओझा को दिसंबर 2014 में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया था. जिसके बाद उन्हें अपने एक्शन में सुधार के लिए रिहैबिलिटेशन के दौर से गुजरना पड़ा. आखिरकार जनवरी 2015 को ओझा को दोबारा गेंदबाजी करने की अनुमति मिल गई.

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