भारत-पाकिस्तान की ICC टूर्नामेंट में नहीं होनी चाहिए भ‍िड़ंत, अंग्रेज दिग्गज ने उठाई आवाज, लगाए ये आरोप

पूर्व इंग्लैंड कप्तान मैथ्यू आथर्टन ने आईसीसी टूर्नामेंट्स में भारत-पाकिस्तान के मैचों के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि क्रिकेट को राजनीति और शोबिज से अलग रखना जरूरी है.

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इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने भारत-PAK मैचों पर बड़ा बयान दिया है (Photo: Getty) इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने भारत-PAK मैचों पर बड़ा बयान दिया है (Photo: Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान माइकल आथर्टन ने भारत-पाक‍िस्तान के मैचों को लेकर कई संगीन आरोप लगाए हैं. उनका कहना है क‍ि ICC टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले 'सजाकर' तय किए जाते हैं ताकि 'आर्थिक जरूरतों' को पूरा किया जा सके.

वह यहीं नहीं रुके और कहा कि अब दोनों देशों के बीच क्रिकेट को पूरी तरह से रोक देना चाहिए, क्योंकि खेल अब  व्यापक तनाव और दुष्प्रचार का प्रतिनिधि (proxy for broader tensions and propaganda) हो गया है. 

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‘द टाइम्स’ में लिखे गए अपने कॉलम में आथर्टन ने हाल ही के एशिया कप की घटनाओं का हवाला दिया, जहां भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया और एशियाई क्रिकेट काउंसिल के पाकिस्तानी प्रमुख मोहसिन नकवी ने विजेता ट्रॉफी लेकर चले गए क्योंकि भारतीय टीम ने उसे उनसे स्वीकार नहीं किया. 

आथर्टन के अनुसार- 2013 के बाद से भारत और पाकिस्तान ने हर ICC इवेंट के ग्रुप स्टेज में एक-दूसरे का सामना किया है, जिसमें तीन 50-ओवर वर्ल्ड कप, पांच T20 वर्ल्ड कप और तीन चैम्प‍ियंस ट्रॉफी शामिल हैं. चाहे शुरुआती सिंगल राउंड रोबिन हो या मल्टी-ग्रुप, मुकाबले तय किए गए हैं ताकि भारत-पाकिस्तान मैच हो ही. 
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उन्होंने कहा कि हालिया पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बड़े स्तर पर है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 भारतीयों की हत्या की और भारत ने मई में सैन्य कार्रवाई की. 

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आर्थटन ने लिखा कि इस मुकाबले का आर्थिक महत्व बहुत बड़ा है. ICC टूर्नामेंट के प्रसारण अधिकारों की कीमत लगभग 3 बिलियन USD है. चूंकि द्विपक्षीय मैचों का महत्व घट गया है, ICC इवेंट्स का महत्व बढ़ गया है. 

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि यह 'अधिकारों वाली व्यवस्था' खत्म हो जाए, जहां ICC इवेंट्स में दोनों दुश्मनों का सामना तय होता है. एशिया कप में भी दोनों टीमें हर रविवार को तीन सप्ताह के टूर्नामेंट में आमने-सामने थीं. 
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आथर्टन ने कहा- अगर क्रिकेट कभी कूटनीति का माध्यम था, अब यह बड़े तनाव और प्रचार का माध्यम बन गया है_ किसी गंभीर खेल के लिए यह उचित नहीं कि टूर्नामेंट मुकाबलों को आर्थिक जरूरतों के अनुसार तय किया जाए. अगली बार प्रसारण अधिकारों के लिए मैच तय करने की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, और अगर दोनों टीमें हर बार नहीं मिलतीं, तो कोई बात नहीं. 

भारत और पाकिस्तान 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद द्विपक्षीय रूप से नहीं खेलते हैं. एशिया कप से कुछ दिन पहले भारतीय सरकार ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय खेलों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की नीति जारी की, लेकिन बहुपक्षीय इवेंट्स को छूट दी. 

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आथर्टन ने कहा कि दोनों देशों को जानबूझकर ICC इवेंट्स में एक-दूसरे के खिलाफ रखा जाता है ताकि दर्शक और विज्ञापन राजस्व बढ़े. उन्होंने कहा-यह व्यवस्था लंबे समय से खेल के भीतर सहमति से चल रही है.  इसका मुख्य कारण यह है कि राजनीतिक तनाव के कारण दोनों टीमें ICC इवेंट्स के बाहर नहीं मिल सकतीं हैं. पहले क्रिकेट उनके बीच बातचीत का माध्यम था, लेकिन अब धीरे-धीरे सन्नाटा छा गया है. ICC इवेंट्स ही एकमात्र मौके हैं, और अब यह न्यूट्रल मैदान पर एक दूसरे से खेलते हैं. 

 

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