शुभांशु शुक्ला के साथ अंतरिक्ष स्टेशन के अंदर दिखे बाकी 10 लोग कौन हैं? क्या करती है वहां परमानेंट टीम

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Ax-4 मिशन के तहत स्पेस स्टेशन पर पहुंचे. उनके साथ पैगी व्हिटसन, स्लावोश उज़नान्स्की और टिबोर कपु हैं. स्थायी टीम (एक्सपेडिशन 73) में सात अंतरिक्ष यात्री भी वहां मौजूद है. जानते हैं वहां 11 एस्ट्रोनॉट्स कौन-कौन हैं? क्या काम करते हैं?

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स्पेस स्टेशन पर शुभांशु शु्क्ला और वहां मौजूद स्थायी टीम. (फोटोः एपी) स्पेस स्टेशन पर शुभांशु शु्क्ला और वहां मौजूद स्थायी टीम. (फोटोः एपी)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर इतिहास रच दिया. वह न केवल भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं, बल्कि स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय भी हैं. उनके साथ इस मिशन में तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री और वहां की स्थायी टीम मौजूद है. जानते हैं वहां 11 एस्ट्रोनॉट्स कौन-कौन हैं? क्या काम करते हैं?

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आईएसएस पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री

शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के हिस्से के रूप में स्पेस स्टेशन पर पहुंचे हैं. यह मिशन नासा, इसरो, यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) और निजी कंपनी एक्सिओम स्पेस के सहयोग से संचालित है. इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. इनके साथ आईएसएस पर पहले से मौजूद सात सदस्यों की स्थायी टीम (एक्सपेडिशन 73) भी कार्यरत है. आइए, इन सभी के प्रोफाइल और उनकी भूमिकाओं को समझते हैं.

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1. शुभांशु शुक्ला (भारत, मिशन पायलट)

जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ, उत्तर प्रदेश

पृष्ठभूमि: शुभांशु भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और एक अनुभवी टेस्ट पायलट हैं. उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से स्कूली शिक्षा पूरी की. 2005 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से कंप्यूटर साइंस में बीएससी की डिग्री हासिल की. 2006 में भारतीय वायु सेना में फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया. उनके पास सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 जैसे विमानों में 3,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है.

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प्रशिक्षण: 2019 में इसरो ने उन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना. उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बेंगलुरु में इसरो के प्रशिक्षण केंद्र में कठिन प्रशिक्षण लिया.

भूमिका: शुभांशु Ax-4 मिशन के पायलट हैं. वह अंतरिक्ष यान की कक्षा, गति और डॉकिंग प्रक्रिया की निगरानी करते हैं. आईएसएस पर वह सात भारतीय प्रयोगों का संचालन करेंगे, जिनमें मूंग और मेथी के अंकुरण, सूक्ष्मजीवों का अध्ययन और मानव मांसपेशियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव जैसे विषय शामिल हैं.

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उल्लेखनीय बात: शुभांशु ने अंतरिक्ष से हिंदी में संदेश भेजा कि नमस्ते, मेरे प्यारे देशवासियों. यह एक शानदार यात्रा थी. मैं अपने कंधे पर तिरंगा लेकर जा रहा हूं, जो मुझे बताता है कि मैं अकेला नहीं हूं, बल्कि आप सभी के साथ हूं. यह मेरी आईएसएस यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है.

2. पैगी व्हिटसन (संयुक्त राज्य अमेरिका, मिशन कमांडर)

जन्म: 9 फरवरी 1960, आयोवा, संयुक्त राज्य अमेरिका

पृष्ठभूमि: पैगी व्हिटसन नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक हैं. वह दो बार आईएसएस की कमांडर रह चुकी हैं. 675 दिनों से अधिक समय अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं. उनके नाम 10 स्पेसवॉक का रिकॉर्ड है.

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भूमिका: Ax-4 मिशन की कमांडर के रूप में, वह मिशन का नेतृत्व करती हैं. सभी गतिविधियों का समन्वय करती हैं. वह अंतरिक्ष यान "ग्रेस" की डॉकिंग और वैज्ञानिक प्रयोगों की देखरेख करती हैं. उनकी अनुभवी नजर मिशन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है.

उल्लेखनीय बात: पैगी ने अंतरिक्ष यान का नाम "ग्रेस" रखा और कहा कि यह नाम केवल एक नाम नहीं है, बल्कि अंतरिक्ष में हमारी गतिविधियों की सुंदरता और विज्ञान व मानवता के सामंजस्य को दर्शाता है. 

3. स्लावोश उज़नान्स्की-विश्निव्स्की (पोलैंड, मिशन स्पेशलिस्ट)

जन्म: 1984, पोलैंड

पृष्ठभूमि: स्लावोश यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री हैं. वह पोलैंड के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं जो आईएसएस पर पहुंचे हैं. उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और वैज्ञानिक पृष्ठभूमि मिशन के लिए महत्वपूर्ण है.

भूमिका: मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में, वह वैज्ञानिक प्रयोगों में सहायता करते हैं. विशेष रूप से पोलैंड और अन्य यूरोपीय देशों से संबंधित अनुसंधान में. वह माइक्रोग्रैविटी में उपकरणों के संचालन और डेटा संग्रह में मदद करते हैं.

उल्लेखनीय बात: स्लावोश ने मिशन को "वैश्विक सहयोग का प्रतीक" बताया और कहा कि यह उनके देश के लिए गर्व का क्षण है.

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4. टिबोर कपु (हंगरी, मिशन स्पेशलिस्ट)

जन्म: 1992, हंगरी

पृष्ठभूमि: टिबोर हंगरी के HUNOR कार्यक्रम के तहत चुने गए अंतरिक्ष यात्री हैं. वह सोवियत युग के बाद हंगरी के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं जो अंतरिक्ष में गए हैं. उनकी तकनीकी और इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि मिशन के लिए महत्वपूर्ण है.

भूमिका: मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में, टिबोर वैज्ञानिक प्रयोगों और तकनीकी कार्यों में योगदान देते हैं. वह हंगरी के प्रयोगों, जैसे माइक्रोग्रैविटी में सामग्री विज्ञान और जैविक अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

उल्लेखनीय बात: टिबोर ने कहा कि यह मिशन मेरे देश के लिए एक नया अध्याय है. हम अंतरिक्ष अनुसंधान में वैश्विक भागीदार बन रहे हैं.

आईएसएस की स्थायी टीम (एक्सपेडिशन 73)

आईएसएस पर Ax-4 मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा, सात सदस्यों की एक स्थायी टीम, जिसे एक्सपेडिशन 73 के नाम से जाना जाता है, पहले से मौजूद है. इस टीम में नासा, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) और रूस की रोस्कॉस्मोस के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. ये सदस्य लंबे समय तक (आमतौर पर छह महीने) आईएसएस पर रहते हैं. स्टेशन के संचालन और वैज्ञानिक अनुसंधान का प्रबंधन करते हैं.

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एक्सपेडिशन 73 के सदस्य

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निकोल आयर्स (नासा, संयुक्त राज्य अमेरिका)

निकोल नासा की अंतरिक्ष यात्री हैं और तकनीकी विशेषज्ञ हैं. वह माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान और स्टेशन के रखरखाव में विशेषज्ञता रखती हैं. वह वैज्ञानिक प्रयोगों और स्टेशन के उपकरणों के रखरखाव में योगदान देती हैं.

ऐनी मैकक्लेन (नासा, संयुक्त राज्य अमेरिका)

ऐनी एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने पहले भी आईएसएस पर समय बिताया है. वह एक सैन्य पायलट और इंजीनियर हैं. वह स्टेशन की दैनिक गतिविधियों का प्रबंधन करती हैं और स्पेसवॉक जैसे जटिल कार्यों में भाग लेती हैं.

जॉनी किम (नासा, संयुक्त राज्य अमेरिका)

जॉनी एक नौसेना सील, चिकित्सक और अंतरिक्ष यात्री हैं. उनकी बहुमुखी पृष्ठभूमि मिशन के लिए महत्वपूर्ण है. वह चिकित्सा प्रयोगों और अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं. 

ताकुया ओनिशी (JAXA, जापान)

ताकुया जापान के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, जो पहले भी आईएसएस पर मिशन पूरा कर चुके हैं. वह जापानी प्रयोगों और स्टेशन के संचालन में योगदान देते हैं.

किरिल पेस्कोव (रोस्कॉस्मोस, रूस)

किरिल रूसी कॉस्मोनॉट हैं, जिनके पास अंतरिक्ष उड़ानों का व्यापक अनुभव है. वह रूसी प्रयोगों और स्टेशन के तकनीकी रखरखाव में योगदान देते हैं.

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सर्गेई रियझिकोव (रोस्कॉस्मोस, रूस)

सर्गेई एक अनुभवी कॉस्मोनॉट हैं, जो पहले कई अंतरिक्ष मिशनों का हिस्सा रह चुके हैं. वह स्टेशन के संचालन और रूसी मॉड्यूल के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 

एलेक्सी ज़ुब्रित्स्की (रोस्कॉस्मोस, रूस)

एलेक्सी एक इंजीनियर और कॉस्मोनॉट हैं, जो तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करते हैं. वह स्टेशन के सिस्टम और वैज्ञानिक प्रयोगों के संचालन में सहायता करते हैं.

आईएसएस की स्थायी टीम क्या करती है?

आईएसएस एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रयोगशाला है, जो पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर कम पृथ्वी कक्षा में चक्कर लगाती है। स्थायी टीम (एक्सपेडिशन 73) का मुख्य कार्य निम्नलिखित है...

वैज्ञानिक प्रयोग: आईएसएस पर विभिन्न देशों के वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं. ये प्रयोग जीव विज्ञान, भौतिकी, सामग्री विज्ञान, चिकित्सा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से संबंधित होते हैं. स्थायी टीम इन प्रयोगों को संचालित करती है, डेटा एकत्र करती है. परिणामों को पृथ्वी पर भेजती है. 

स्टेशन का रखरखाव: आईएसएस एक जटिल मशीन है, जिसमें ऑक्सीजन जनरेटर, पानी पुनर्चक्रण प्रणाली, सौर पैनल और अन्य उपकरण शामिल हैं. स्थायी टीम इनका नियमित रखरखाव और मरम्मत करती है. वे स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में बाहर निकलकर काम करना) करते हैं ताकि बाहरी उपकरणों की मरम्मत या बदलाव किया जा सके. 

स्वास्थ्य निगरानी: अंतरिक्ष यात्रियों का स्वास्थ्य माइक्रोग्रैविटी में प्रभावित होता है. स्थायी टीम नियमित चिकित्सा जांच करती है. मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभावों का अध्ययन करती है. यह जानकारी भविष्य के लंबे मिशनों, जैसे चंद्रमा या मंगल यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है. 

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अंतरराष्ट्रीय सहयोग: आईएसएस नासा, इसरो, ईएसए, JAXA और रोस्कॉस्मोस जैसे संगठनों का संयुक्त प्रयास है. स्थायी टीम विभिन्न देशों के प्रयोगों और तकनीकी कार्यों में सहयोग करती है, जिससे वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को लाभ होता है.

शिक्षा और प्रेरणा: स्थायी टीम अक्सर पृथ्वी पर छात्रों और वैज्ञानिकों के साथ लाइव बातचीत करती है. शुभांशु शुक्ला भी भारतीय छात्रों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति उत्साह बढ़ाया जा सके.

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