14 जुलाई 2025 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों की टीम अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से पृथ्वी पर वापस लौटने के लिए तैयार है. यह ऐतिहासिक मिशन, जिसे एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) कहा जाता है. भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस मिशन में 263 किलोग्राम (लगभग 580 पाउंड) अंतरिक्ष स्टेशन का कचरा भी पृथ्वी पर लाया जाएगा, जबकि दो अंतरिक्ष यात्री ISS पर रहेंगे. आइए, इस मिशन के बारे में विस्तार से जानते हैं.
एक्सिओम मिशन 4: एक ऐतिहासिक यात्रा
एक्सिओम मिशन 4 एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जो नासा, स्पेसएक्स और एक्सियॉम स्पेस के सहयोग से संचालित किया गया. इस मिशन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और जन जागरूकता गतिविधियां करना था. इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल थे...
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यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इन देशों के पहले अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर ले गया. यह भारत के लिए 41 साल बाद अंतरिक्ष में मानव उड़ान का दूसरा अवसर था, जब 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के सैल्यूट-7 स्टेशन की यात्रा की थी.
वापसी की तैयारी और कचरे का ट्रांसपोर्ट
14 जुलाई 2025 को, एक्सिओम मिशन 4 का चालक दल ISS से विदा लेगा. स्पेसएक्स ड्रैगन यान सुबह 7:05 बजे EDT (4:35 बजे IST) हार्मनी मॉड्यूल से अलग होगा. कैलिफोर्निया तट पर स्प्लैशडाउन के लिए पृथ्वी की ओर लौटेगा. इस यान में 263 किलोग्राम (580 पाउंड से अधिक) कचरा होगा, जिसमें नासा का हार्डवेयर और 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है.
नासा इस प्रक्रिया का सीधा प्रसारण NASA+ पर करेगा, जिसकी समय सारिणी इस प्रकार है...
नासा का प्रसारण अनडॉकिंग के लगभग 30 मिनट बाद समाप्त होगा, जिसके बाद एक्सिओम स्पेस अपनी वेबसाइट पर री-एंट्री और स्प्लैशडाउन का प्रसारण करेगा. हालांकि, पोलैंड और हंगरी के दो अंतरिक्ष यात्री ISS पर रहेंगे. संभवतः एक्सपेडिशन 73 के हिस्से के रूप में स्टेशन पर रहेंगे.
आजतक साइंस डेस्क