इंसान के हाथ में अपने आप खिसक रहा था चकत्ता, जांच हुई तो पता चला त्वचा के नीचे कीड़ा था!

एक शख्स के शरीर पर लाल चकत्ता दिखाई दिया, जो समय-के साथ-साथ अपनी जगह बदल रहा था. जांच की गई तो पता चला कि त्वचा के नीचे कीड़ा था. आइए जानते हैं, क्या है मामला.

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राउंडवॉर्म इनफेक्शन की वजह से परेशा था शख्स (फोटो: Getty) राउंडवॉर्म इनफेक्शन की वजह से परेशा था शख्स (फोटो: Getty)

aajtak.in

  • मैड्रिड,
  • 04 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:12 PM IST
  • चकत्ता बढ़ते-बढ़ते पूरे शरीर में फैल गया
  • स्टूल टेस्ट के बाद समस्या की जड़ का लगा पता

राउंडवॉर्म (Roundworms) एक परिजीवी (Parasite) है, जो हमारे शरीर में रहता है. इनके इनफेक्शन की वजह से इंसान को डायरिया और बुखार जैसी परेशानी होती है. लेकिन एक शख्स के साथ तो बड़ा ही अजीब मामला हुआ. राउंडवॉर्म इनफेक्शन (Roundworm Infection) की वजह से उसकी गुदा (Anus) के पास चकत्ता (Rash) हुआ, जो बढ़ता-बढ़ता पूरे शरीर में फैल गया. 

लाल रंग का रैश बहुत ही रहस्यमयी तरीके से फैल रहा था. लेकिन जब जांच हुई तो डॉक्टरों को स्ट्रांगाइलोइड्स हाइपरिनफेक्शन (Strongyloides Hyperinfection Syndrome) सिंड्रोम का पता चला. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा स्ट्रांगाइलोइड्स स्टेरकोरेलिस (Strongyloides stercoralis) नाम के पैरासाइट की वजह से हुआ है. इस केस की रिपोर्ट को द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (The New England Journal of Medicine) में प्रकाशित किया है.

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राउंडवॉर्म शरीर में पाया जाने वाला पैरासाइट है (Photo: Getty)

दरअसल स्पेन के रहने वाले 64 वर्षीय व्यक्ति को मेटास्टेटिक लंग एडेनोकार्सिनोमा (Mmetastatic Lung Adenocarcinoma) नाम की बीमारी थी, जो एक तरह का कैंसर है. अस्पताल में उन्हें ग्लूकोकार्टिकोइड्स (glucocorticoids.) नाम का स्टेरॉयड (steroid) हाई डोज़ में दिया गया था. लेकिन कुछ ही दिन बाद मरीज़ की गुदा के पास एक चकत्ता दिखाई दिया, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगा.

डॉक्टरों ने इन चकत्तों के चारों ओर पेन से निशान बनाए जिससे इन बढ़ते चकत्तों को ट्रैक किया जा सके. 24 घंटे बाद फिर से देखा तो पेन से बनाए निशानों के अंदर लाल चकत्ते गायब थे. ये चकत्ते मरीज के पूरे शरीर में फैल गए थे. स्टूल टेस्ट के बाद, इन निशानों का रहस्य खुल गया. मरीज़ राउंडवॉर्म से संक्रमित था और उसमें स्ट्रॉन्ग्लॉइड्स हाइपरइन्फेक्शन सिंड्रोम पाया गया था. रैश असल में लार्वा थे, जो मरीज की त्वचा के नीचे चल रहे थे.

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कहा जा रहा है कि मरीज सीवेज मैनेजमेंट वर्कर था. हो सकता है कि काम करते हुए ही वह संक्रमित हुआ हो, क्योंकि मानव मल के गंदे पानी में स्ट्रांगाइलोइड्स स्टेरकोरेलिस पाए जा सकते हैं. सीडीसी (Center for Disease Control and Prevention) की सलाह है कि इस तरह के इनफेक्शन से बचना है तो सीवेज से बचना चाहिए.

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