Hast Rekha Shastra: हाथ में इन 3 रेखाओं का ट्राइएंगल बताता है आप पैसे वाले बनेंगे या नहीं? अपनी हथेली करिए चेक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ की रेखाएं हमारे भविष्य का संकेत देती हैं. जन्म लेने से पहले ही शिशु के हाथों में लकीरों का जाल बुन जाता है. इनमें जीवन, भाग्य, बुद्धि से लेकर व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव बताने वाली तमाम रेखाएं होती हैं. वहीं इन रेखाओं से बनने वाले विशेष प्रकार के निशान भी अलग संदेश देते हैं. ऐसा ही तीन रेखाओं से बनने वाला ट्राइएंगल है, जो बताता है कि आप कितनी सेविंग्स करते हैं और आप पैसे वाले बनेंगे या नहीं?

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Hast Rekha Shastra Hast Rekha Shastra

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 07 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST
  • हाथ की रेखाएं देती हैं हमारे भविष्य का संकेत
  • भाग्य, बुध और मस्तिष्क रेखा के संयोग से बनता ट्रायंगल

Hast Rekha Shastra: किसी भी व्यक्ति के हाथ पर भाग्य रेखा, बुध रेखा और मस्तिष्क रेखा के संयोग से बनने वाला ये ट्राइएंगल बेहद शुभ माना जाता है. जिन लोगों के हाथ पर ये ट्राइएंगल होता है उनके अमीर बनने की राह में आने वाली बाधाएं आसानी से समाप्त हो जाती हैं. साथ ही ऐसे लोग सेविंग्स करने में भी माहिर होते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं कि हाथ पर बनने वाले इस ट्राइएंगल को कैसे पहचानें?

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ट्रायंगल 

इस तरह बनता है ये त्रिभुज
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि हाथ में मस्तिष्क रेखा एवं ह्रदय रेखा के मध्य में सूर्य पर्वत एवं शनि पर्वत की जड़ में और भाग्य रेखा, बुध रेखा और मस्तिष्क रेखा के संयोग से ये त्रिभुज बनता है. ये त्रिकोण जितना बड़ा होता है, उतनी अधिक सेविंग्स होती है. ऐसे व्यक्ति के पास भूमि, कई भवन और वाहन समेत भोग विलास के पर्याप्त साधन होते हैं.  इनके संचित धन एवं संपत्ति में वृद्धि होती रहती है , बैंक में जमा पूंजी में इजाफा होता रहता है.

ट्रायंगल 

बिना किसी बाधा के पूर्ण होते काम 
यह त्रिकोण बुध रेखा के प्रभाव से व्यापारिक कुशलता के साथ धनी बनाता है. जबकि मस्तिष्क रेखा का संयोग व्यक्ति को चतुराई से एवं बौद्धिक कार्यों से धन लाभ अर्जित करने में सहायक होता है. वहीं, भाग्य रेखा का संयोग सौभाग्य और सकारात्मकता को बढ़ाता है एवं हमारे सभी कार्य बिना किसी विध्न बाधा के पूर्ण होते है. हमारा भाग्य साथ देता है . इन तीनों का साझा प्रभाव व्यक्ति को जीवन में धनवान और संग्रहकर्ता बनाता है. ऐसे लोग आजीवन सुख सुविधाओं से जीवन यापन करते हैं. 

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ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र

28 की उम्र के बाद दिखता असर
यह धन त्रिकोण 28 वर्ष की आयु के आस-पास अच्छा प्रभाव दिखाता है. 50 वर्ष तक की उम्र में ही व्यक्ति धन संग्रह में सफल हो जाते हैं. कुछ लोगों को तो इसका प्रभाव किशोरवस्था से ही मिलना आरंभ हो जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि यहां ध्यान ये भी देना है कि इन ट्राइएंगल की लकीरों पर कोई कट या फिर तिल का निशान नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा होता है तो इन जातकों को आकस्मिक अवरोधों का सामना करना पड़ सकता है. 

 

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