शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का कड़ा रुख स्पष्ट किया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान में हुई घटनाओं का उल्लेख किया गया. सम्मेलन के साझा घोषणा पत्र में आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प लिया गया और दोहरे मानदंड अस्वीकार्य बताए गए. प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात में रक्षा सहयोग, व्यापार, तेल और गैस खरीद, तकनीक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा हुई. भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और स्ट्रेटेजिक ऑटोनोमी पर जोर देते हुए अमेरिका के आरोपों के बावजूद रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही. भारत और रूस 2030 तक 100 अरब डॉलर के कारोबार का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. ब्रिक्स की अध्यक्षता अगले वर्ष भारत करेगा. प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की भी वकालत की और यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कहा कि यह समय युद्ध का नहीं, विकास का है.