शशि थरूर को अब परवाह नहीं, ये कांग्रेस को तय करना है कि क्या फैसला लिया जाए

शशि थरूर अपना काम कर रहे हैं, अपने तरीके से और गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे के राजनीतिक बयान पर शशि थरूर की साहित्यिक प्रतिक्रिया आई है, दार्शनिक भाव के साथ वो राजनीतिक रूप से भी दुरुस्त है.

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शशि थरूर ने पहले ही बोल दिया था कि उनके पास काम की कमी नहीं है, अब साबित कर रहे हैं. शशि थरूर ने पहले ही बोल दिया था कि उनके पास काम की कमी नहीं है, अब साबित कर रहे हैं.

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

शशि थरूर ने जो कहा था, वही कर रहे हैं. वो फिर से विदेश दौरे पर हैं. फिलहाल मास्को में हैं. और, इस बार किसी ने भेजा नहीं है. न्योता मिला है. ये दौरा निजी है या सरकारी, महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण ये है कि वो वहां पहुंचकर क्या कर रहे हैं.

बताने वाली बात ये है कि पाकिस्तान का ही पर्दाफाश कर रहे हैं. लेकिन, हिंदी या अंग्रेजी में नहीं बल्कि फ्रेंच भाषा में. थरूर ने रूसी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की के साथ मॉस्को में हुई एक मीटिंग में पाकिस्तान को लेकर कही. रूस में अगले साल आतंकवाद पर एक सम्मेलन करने वाला है, जिसमें भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों को बुलाया गया है. शशि थरूर ने ऐसे सम्मेलन में पाकिस्तान को शामिल किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. 

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मास्को में शशि थरूर की रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात हुई है. विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर ने रूसी संघ परिषद की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के फर्स्ट चेयर आंद्रेई डेनिसोव से भी मुलाकात की है, जो संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत रह चुके हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे को शशि थरूर का जवाब 

ध्यान देने वाली बात ये है कि शशि थरूर इस बार निजी दौरे पर रूस गये हैं. लेकिन, विदेश दौरे के लिए बने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाली मुहिम वो अब भी जारी रखे हैं. पाकिस्तान को आतंकवाद पर सम्मेलन में शामिल किये जाने पर उनकी आपत्ति तो यही बताती है. 

कांग्रेस के साथ उनका तनावपूर्ण रिश्ता वैसे ही बना हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ताजा तकरार भी वैसा ही नमूना है. नीलांबुर उपचुनाव को लेकर शशि थरूर और कांग्रेस की नोक-झोंक देखी जा चुकी है, केरल विधानसभा चुनाव तक तस्वीर और भी साफ हो जाएगी. 

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक सवाल के जवाब में बोल दिया था कि कुछ लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले हैं, और देश बाद में. नाम मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नहीं लिया था, शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया में किसी का नाम नहीं लिया. जवाब जरूर दिया. तगड़ा जवाब. 

मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब देने के लिए शशि थरूर ने सोशल साइट एक्स पर एक तस्वीर शेयर की. तस्वीर में एक डाल पर एक पक्षी है. और लिखा है, 'उड़ने के लिए किसी से पूछना नहीं होता... पंख तुम्हारे हैं, आसमान तो किसी का भी नहीं होता.'

शशि थरूर ने एक साथ ही सबको जवाब दे दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष को भी, कांग्रेस नेताओं को भी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी. कांग्रेस को तो साफ संदेश है, जो कर सको तो कर लो. कांग्रेस अपने लिए भी, और शशि थरूर के खिलाफ भी. 

मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में आमने सामने थे. खड़गे जीत गये, थरूर हार गये. शशि थरूर तंज भरे लहजे में ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आपके पास पंख है, लेकिन आप उड़ नहीं सकते, क्योंकि कंट्रोल किसी और का है. 

और ऐन उसी वक्त शशि थरूर ये भी जता रहे हैं कि वो उड़ रहे हैं. उन पर किसी का कंट्रोल नहीं है. वो निजी यात्रा पर हैं, और देश का भी काम कर रहे हैं.  

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शशि थरूर के पास काम की कमी नहीं है

शशि थरूर रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क RT के निमंत्रण पर मास्को पहुंचे हैं. असल में, शशि थरूर की किताब इनग्लोरियस एम्पायर पर RT ने डॉक्यूमेंट्री सीरीज तैयार की है. ये किताब 2017 में आई थी, और ये सीरीज शशि थरूर के 2015 के ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेट में उनके भाषण पर आधारित है. 

शशि थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, मॉस्को में ‘प्रिमाकोव रीडिंग्स’ के दौरान पुराने मित्र रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा. ‘प्रिमाकोव रीडिंग्स’ भारत सहित 40 देशों के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और विश्व अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों की एक बड़ी बैठक है.

शशि थरूर अपना काम कर रहे हैं. अपने मन का काम कर रहे हैं. मन का काम उनके लिए राजनीति भी है, कूटनीति भी और लेखन भी. शशि थरूर फिलहाल एक साथ ये तीनों ही काम कर रहे हैं. ये काम भी शशि थरूर ही कर सकते हैं, सभी के वश की बात नहीं. 

एक बार शशि थरूर ने इंटरव्यू में कहा भी था, उनके पास काम की कोई कमी नहीं है. शशि थरूर तब चुनावी राजनीति से इतर ऐसे ही काम की बात कर रहे थे. शशि थरूर का ये रूस दौरा भी ऐसा ही है. 

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शशि थरूर बीजेपी में जाएंगे या नहीं, ये उनका फैसला होगा. बीजेपी उनको लेना चाहेगी या नहीं, ये बीजेपी का फैसला होगा. कांग्रेस शशि थरूर के साथ ऐसे ही ऐडजस्ट कर सकती है, ये उसे देखना है - शशि थरूर ने दिखा दिया है, उनके पास काम की कमी नहीं है.

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