राहुल गांधी ने पहली ही चुनावी रैली से अपना एजेंडा साफ कर दिया है. आगे भी बिहार में वो क्या बात करेंगे, अभी से साफ हो गया है. उनके निशाने पर कौन रहेगा, ये भी साफ हो गया है. और, उनके भाषण में कितनी बातें चुनावी राजनीति के हिसाब से होंगी, और कितनों में मन की बात होगी, पूरी तरह साफ कर दिया है.
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ चुनाव कैंपेन शुरू करते ही राहुल गांधी ने एक दो चीजों को छोड़कर बाकी पुरानी बातों का ही जिक्र किया. अडानी का भी मुद्दा उठाया है, और अंबानी से जुड़ा भी. और, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो उनके सदाबहार टार्गेट हैं ही.
और हां, लगे हाथ वोट चोरी का मुद्दा भी फिर से उठा दिया है. तेजस्वी यादव के मुंह से तो वोट-चोरी का जिक्र कभी कभार ही सुनने को मिलता है, लेकिन राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे मुद्दे वो कभी छोड़ने वाले नहीं हैं.
नीतीश कुमार का जिक्र आने पर राहुल गांधी ने कहा कि उनका रिमोट कंट्रोल बीजेपी के हाथ में है. वोकल फॉर लोकल वाले अंदाज में ही राहुल गांधी ने लोगों को समझाया कि वो कैसा बिहार चाहते हैं. बोले, मुझे बताइए आपके फोन के पीछे क्या लिखा है... मेड इन चाइना. नरेंद्र मोदी जी ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करके सभी छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया है... जहां भी देखो, मेड इन चाइना है. हम कहते हैं कि ये मेड इन चाइना नहीं, मेड इन बिहार होना चाहिए... मोबाइल, शर्ट, पैंट, ये सब बिहार में बनने चाहिए और बिहार के युवाओं को उन कारखानों में रोजगार मिलना चाहिए... हमें ऐसा बिहार चाहिए.
मुश्किल ये है कि राहुल गांधी ने रैली में जो कुछ भी बोला है, वो तेजस्वी यादव के लिए चुनावी राजनीति के हिसाब से नुकसानदेह साबित हो सकता है - खासकर वो बात जो कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी के लिए कहा है.
1. निजी हमले भारी पड़ते हैं, फिर से भारी पड़ सकते हैं
चुनाव कैंपेन के लिए बिहार पहुंचते ही राहुल गांधी का गुस्सा फूट पड़ा. उनके निशाने पर हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. आपको याद होगा. वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भी मोदी की मां के लिए अपमानजनक शब्द कहे जाने को लेकर काफी बवाल हुआ था. बिहार के लोगों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया था कि उनकी मां का राजनीति से कभी कोई वास्ता न रहा, लेकिन इन लोगों ने उनको भी राजनीति में घसीट लिया.
तब मोदी ने कहा था, बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं... ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं है, ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है. बिहार की हर मां को ये देख-सुनकर कितना बुरा लगा होगा, ये मुझे पता है... मैं जानता हूं कि इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है.
राहुल गांधी ने एक बार वैसे ही विवाद को न्योता दे डाला है. चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा, अगर आप कहोगे नरेंद्र मोदी जी... आप ऐसा ड्रामा करो, वोट के लिए वो कर देंगे. जो भी करवाना है आप करवा लो... देखो भइया, हम आपको वोट देंगे. आप स्टेज पर आकर नाच लो, वो नाच लेंगे... जो भी करवाना है करवा लो.
निजी हमले हमेशा ही भारी पड़ते हैं. बैकफायर करते हैं, लेकिन राहुल गांधी नहीं मानते. कांग्रेस के कई सीनियर नेता भी ऐसा न करने की सलाह दे चुके हैं, लेकिन राहुल गांधी किसी की नहीं सुनते. उनके मन में जो आता है, पूरा खोल कर लोगों के सामने उड़ेल देते हैं.
2. वोट-चोरी का मुद्दा भूले नहीं हैं राहुल गांधी
तेजस्वी यादव या बिहार कांग्रेस के नेताओं के मुंह से भले ही वोट चोरी का हाल फिलहाल सुनाई न दिया हो, लेकिन राहुल गांधी ने बिहार पहुंचते ही, जोर शोर से वोट चोरी का जिक्र किया, और उसे संविधान पर हमले से जोड़ दिया. राहुल गांधी ने लोगों को ये समझाने की कोशिश की कि हिंदुस्तान के हर व्यक्ति को जो भी अधिकार मिले हैं, वो संविधान से मिले हैं. बोले, आज बीजेपी और आरएसएस संविधान पर हमला कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने ये भी समझाया कि संविधान पर हमला होता क्या है? बोले, जब नरेंद्र मोदी... वोट चोरी करते हैं. किसी संस्था को खोखला करते हैं, और किसी पद पर आरएसएस के लोगों को बैठाते हैं, तो वो संविधान पर हमला होता है.
और फिर राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया, लेकिन हम संविधान की रक्षा करते रहेंगे, इसे कोई खत्म नहीं कर सकता.
राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी संविधान का मुद्दा उठाया था. राहुल गांधी का कहना था कि मोदी, बीजेपी और आरएसएस मिलकर संविधान को खत्म करना चाहते हैं.
3. यमुना प्रदूषण का जिक्र बिहार चुनाव में
राहुल गांधी ने दिल्ली में यमुना के गंदा होने का मुद्दा भी बिहार चुनाव में उठाया है. हो सकता है, बिहार के जो लोग दिल्ली में रहते हैं, यमुना का गंदा होना उनके लिए चिंता का विषय हो. लेकिन, बिहार के बाकी तमाम लोगों के लिए?
ऐसे में राहुल गांधी के यमुना का मुद्दा उठाने का क्या मतलब रह जाता है? भला बिहार के लोगों के लिए क्या मायने रखता है. लेकिन, यमुना का मुद्दा राहुल गांधी के लिए खास मायने रखता है, क्योंकि यमुना के बहाने उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने का मौका मिल जाता है.
राहुल गांधी ने महागठबंधन के उम्मीदवार के लिए बिहार के लोगों से वोट मांगते हुए समझाया कि प्रदूषित यमुना में प्रधानमंत्री मोदी के लिए दूसरी तरफ से मोदी के लिए साफ पानी भरा गया.
बोले, ये सब इसलिए किया गया, क्योंकि मोदी को ड्रामेबाजी करनी थी. लेकिन, जैसे ही जनता को टीवी पर साफ पानी वाला पाइपलाइन दिखा, नरेंद्र मोदी ने वहां जाने से मना कर दिया.
और ये निष्कर्ष भी बताया, ये हिंदुस्तान की सच्चाई है, जहां अमीरों के लिए साफ पानी है... और गरीबों के लिए गंदा पानी है.
4. अडानी का मुद्दा भी बिहार चुनाव में
अडानी का मुद्दा राहुल गांधी के पसंदीदा टॉपिक में से एक है. और, बिहार कनेक्शन निकालने के लिए धारावी की जमीन का खासतौर पर जिक्र किया.
राहुल गांधी का आरोप है, मुंबई के धारावी की जमीन, जिस पर बिहार के लोग रहते हैं, व्यापार करते हैं, वो जमीन कारोबारी गौतम अडानी को दे दी गई. राहुल गांधी का दावा है, बिहार में किसानों की जमीन छीनकर एक रुपये में अडानी को दे दी गई.
और फिर सवालिया लहजे में बोले, क्या आप ऐसा प्रदेश चाहते हैं, जहां अडानी को 1-2 रुपये में जमीन दे दी जाए? और युवाओं को रोजगार न मिले? ऐसा बिहार हमें नहीं चाहिए.
5. इंटरनेट और अंबानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए राहुल गांधी कह रहे हैं, नरेंद्र मोदी बिहार के युवाओं से कहते हैं कि कम दाम में इंटरनेट डेटा दे दिया. लेकिन, सच्चाई ये है कि इसका फायदा जियो का मालिक उठा रहा है... पैसे वो बना रहा है... नरेंद्र मोदी ने जनता को डेटा नहीं दिया, अंबानी को इंटरनेट का स्पेक्ट्रम दिया है.
जरा सोचिये, ये मुद्दे उठाकर राहुल गांधी क्या महागठबंधन के उम्मीदवारों को बिहार में वोट दिला पाएंगे? क्या ऐसा करके वो तेजस्वी यादव का भला कर पाएंगे? ऐसा करके तो राहुल गांधी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की मुश्किलें ही बढ़ा रहे हैं.
मृगांक शेखर