बिहार सीएम फेस की गुत्थी दोनों ओर सुलझी, अमित शाह को नीतीश तो राहुल को तेजस्‍वी मंजूर

बिहार चुनाव में आमने सामने दो चेहरे तो पहले से ही थे, अब नीतीश कुमार के एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर अमित शाह, और तेजस्वी यादव के चेहरे को राहुल गांधी ने भी मुहर लगा दी है. ये संयोग ही है, प्रयोग भी कह सकते हैं - दोनों नामों पर मुहर दरंभगा की रैलियों में ही लगी है.

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अमित शाह और राहुल गांधी ने बिहार चुनाव में आमने सामने मुख्यमंत्री पद के दोनों चेहरों को मंजूरी दे दी है. (Photo: PTI) अमित शाह और राहुल गांधी ने बिहार चुनाव में आमने सामने मुख्यमंत्री पद के दोनों चेहरों को मंजूरी दे दी है. (Photo: PTI)

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली ,
  • 30 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

बिहार चुनाव में अब तक सिर्फ एक ही तस्वीर धुंधली है, बाकी करीब करीब साफ है. नतीजे क्या होंगे? जनता का फैसला क्या होगा? ये साफ नहीं है. 14 नवंबर से पहले तो ये किसी को भी नहीं मालूम होगा, न ही होना चाहिए. हां, कयास लगाए जाने और खुद पर जीत का भरोसा होने का आत्मविश्वास सबको होना चाहिए.

मुकाबले में आमने सामने दो ही चेहरे हैं. शुरू से. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव. बीजेपी भले ही समझाती रही हो, सामने तो चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही है. और, वैसे ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर दावा करते फिरें, लेकिन ये महज राजनीतिक दावेदारी है. जैसे पप्पू यादव कांग्रेस में न होते हुए भी बिहार में सरकार बनाने को लेकर भी नाम राहुल गांधी का ही ले रहे हैं. 

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नीतीश कुमार तो मुख्यमंत्री हैं ही, विपक्षी छोर से दावेदार बनकर तेजस्वी यादव चैलेंज कर रहे हैं. ये सब चुनाव का माहौल जोर पकड़ने के बहुत पहले से हो रहा है - लेकिन, लंबे समय तक इंतजार के बाद भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया गया था. 

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह से तो जब भी पूछा जाता था, गफलत में ही डाल देते थे. और, राहुल गांधी तो तेजस्वी यादव का नाम आते ही, इधर उधर की अच्छी अच्छी बातें बताने लगते थे. इस मामले में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं का रवैया थोड़ा अलग दिखा. अमित शाह के अलावा बाकी बीजेपी नेता तो नीतीश कुमार को ही एनडीए के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताते, लेकिन कांग्रेस नेता तो तेजस्वी के नाम पर सवाल ही टाल दिया करते थे. 

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अंत भला तो सब भला, 2020 की आखिरी चुनावी रैली के अंत में नीतीश कुमार ने यही बात बोली थी. और, इस बार भी उनके मुख्यमंत्री पद के चेहरे को मंजूरी के मामले में बिल्कुल ऐसा ही हुआ है. औपचारिक घोषणा भले न हुई हो, अब तो अमित शाह ने भी मुहर लगा दी है. महागठबंधन की बात करें, तो एक प्रेस कांफ्रेंस में अशोक गहलोत ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा, और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित किया था - लेकिन, महत्वपूर्ण बात ये है कि अब तो राहुल गांधी ने भी तेजस्वी यादव के नाम को एनडोर्स कर दिया है. 

नीतीश कुमार के नाम पर अमित शाह की मुहर

नीतीश कुमार का मिजाज जैसा भी है, तबीयत तो अमित शाह का भाषण सुन कर सही ही हो गई होगी. राहत भरी खबर तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी पुरानी रैलियों में ही दे दिया था. समस्तीपुर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी 'सुशासन सरकार' और 'नीतीश कुमार की सरकार' जैसे नाम लेकर, और बक्सर की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'नीतीश कुमार की सरकार' जैसे रूपक का इस्तेमाल करके. 

जैसे मोदी ने कहा था, 'आपका उत्साह देखकर लग रहा कि बिहार में नीतीश बाबू के नेतृत्व एनडीए जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा.' दरभंगा की रैली में अमित शाह ने भी विपक्षी महागठबंधन को टार्गेट करते हुए अमित शाह ने भी साफ कर दिया कि न पटना में वैकेंसी है, न ही दिल्ली में - मतलब, तेजस्वी यादव के साथ साथ अमित शाह ने राहुल गांधी को भी जवाब दे दिया है. हाल ही में कन्हैया कुमार ने दावा किया था बिहार के बाद दिल्ली में भी सरकार बदलेगी - और तेजस्वी यादव ने तो राहुल गांधी को पहले से ही प्रधानमंत्री पद का चेहरा बता रखा है. 

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चुनावी रैली में अमित शाह ने एक साथ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को जवाब तो दिया ही, बहाने से नीतीश कुमार के नाम पर मुहर भी लगा दी है. हाल ही में अमित शाह ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर पूछे जाने पर कहा था कि वो कौन होते हैं, किसी को मुख्यमंत्री बनाने वाले. उससे पहले भी नीतीश कुमार कह चुके थे कि ऐसे फैसले बीजेपी के संसदीय बोर्ड में हुआ करते हैं. 

और बीच बीच में कभी बीजेपी नेता तो कभी एनडीए की तरफ से नीतीश कुमार की हौसलाअफजाई भी होती रही है. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ साथ बिहार बीजेपी के नेता भी तो नीतीश कुमार को एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश कर ही चुके हैं. बिहार रैली में मोदी के बयान के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी नीतीश कुमार को ही बिहार का अगला मुख्यमंत्री बताया था. और अब तो एनडीए की तरफ से चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बता दिया है. चिराग पासवान के घर जाकर नीतीश कुमार छठ का प्रसाद भी ग्रहण कर चुके हैं.

बिहार में चुनाव कैंपेन चरम पर है, और हर बड़ा नेता बिहार में रैली कर रहा है. एक चुनावी रैली में अमित शाह का कहना था, अगर बिहार के युवाओं को, बिहार की बच्चियों को राजनीति में मौका चाहिए, तो केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी दे सकती है... और कोई पार्टी, और ये मां-बाप दोनों सोनिया जी राहुल को बनाना चाहते हैं... और लालू जी अपने बेटे को बनाना चाहते... दोनों को मैं कह देता हूं सीएम या पीएम कोई भी सीट खाली नहीं है... यहां नीतीश कुमार जी है, वहां मोदी जी... आपके लिए सीटें खाली नहीं है.

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तेजस्वी यादव के नाम पर राहुल गांधी की मंजूरी

वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल को पूरी तरह टाल गए थे. लेकिन, दरभंगा की रैली में खुलकर बोलना ही पड़ा. कोई चारा भी न बचा था. महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस में खामोश बैठे बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के सामने ही अशोक गहलोत ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था. 

बिहार पहुंचते ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया था, और बताया कि नीतीश कुमार बीजेपी के रिमोट कंट्रोल से चलते हैं. राहुल गांधी ने कहा, आप ये भी मत सोचिए कि नीतीश जी सरकार चलाते हैं... हमारे
ईबीसी भाइयों और बहनों यहां जो हो आप यह सोच रहे हो कि नीतीश जी सरकार चलाते हैं... आप गलतफहमी में हो. सरकार रिमोट कंट्रोल से चलती है. सरकार मोदी जी अमित शाह जी चलाते हैं, और उनको जो चाहिए वो होता है - और उसी क्रम में राहुल गांधी ने बिहार का अगला मुख्यमंत्री बताते हुए तेजस्वी यादव का नाम ले लिया था. 

राहुल गांधी ने कहा, यहां पर गठबंधन के चीफ मिनिस्टर तेजस्वी जी बनेंगे... मैं आपको बता रहा हूं, और जो सरकार बनेगी महागठबंधन की सरकार बनेगी, ये आप अच्छी तरह सुनिए... ये हर जाति की हर धर्म की सरकार होगी... हर जाति के लिए हर धर्म के लिए जगह होगी, और इज्जत होगी... चाहे ईबीसी हो, पिछड़ा वर्ग हो, दलित हो, महादलित हो, माइनॉरिटी हो, गरीब जनरल कास्ट के लोग हों, ये सबकी सरकार होगी और इसका काम बिहार को एक बार फिर विकास की पटरी पर लाने का होगा.

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ये भी संयोग ही है कि अमित शाह ने और राहुल गांधी दोनों ही ने दरभंगा की रैलियों में ही तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार को अपने अपने पक्ष के मुख्यमंत्रियों के चेहरे पर मुहर लगाई है.

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