MP: अस्पताल जाते समय महिला ने एंबुलेंस में तीन बच्चों को दिया जन्म, डॉक्टर कर रहे देखरेख

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल से महिला को भोपाल के लिए रेफर कर दिया गया. इस दौरान भोपाल पहुंचने से पहले ही महिला ने एंबुलेंस में तीन बच्चों को जन्म दे दिया. महिला और बच्चों को भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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महिला ने एंबुलेंस में तीन बच्चों को दिया जन्म. (Representational image) महिला ने एंबुलेंस में तीन बच्चों को दिया जन्म. (Representational image)

aajtak.in

  • रायसेन,
  • 18 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में अस्पताल जाते समय 24 वर्षीय महिला ने एंबुलेंस में तीन बच्चों को जन्म दिया. इसके बाद महिला को राजधानी भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि महिला और बच्चे स्वस्थ हैं. डॉक्टर उनकी देखरेख कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, पिपलिया गोली गांव की ज्योति बाई को शुक्रवार शाम प्रसव पीड़ा की शिकायत हुई. इसके बाद पहले महिला को गोहरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. इसी बीच उसकी हालत और बिगड़ गई. स्वास्थ्य केंद्र से महिला को सरकारी एंबुलेंस से भोपाल के राजकीय सुल्तानिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.

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विभागीय अफसरों ने बताया कि एंबुलेंस में महिला के साथ गए डॉ. संदीप मारन के अनुसार, यात्रा के दौरान महिला को प्रसव पीड़ा हुई और भोपाल से करीब 20 किलोमीटर पहले मंडीदीप के पास तीन बच्चों को जन्म दिया. डॉक्टर संदीप ने कहा कि मां और उसके तीन नवजात बच्चों को सुल्तानिया अस्पताल ले जाया गया, सभी स्वस्थ हैं और डॉक्टरों द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है.

बालाघाट में महिला ने चार बच्चों को दिया था जन्म

इससे पहले मध्यप्रदेश के बालाघाट जिला अस्पताल में एक महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था. इनमें 3 बेटे और एक बेटी थी. डॉक्टरों का कहना था कि चारों बच्चे और मां पूरी तरह स्वस्थ हैं. एक साथ मिली चार गुना खुशी से परिवार में खुशी का माहौल है. 26 साल की महिला शादी के तीन साल बाद मां बनी थी. सिजेरियन ऑपरेशन के बाद तीन बेटे और एक बेटी हुई थी. 

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इस मामले में सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय धबड़गांव ने बताया था कि ट्रॉमा यूनिट की विशेषज्ञ टीम में शामिल डॉ. रश्मि वाघमारे और एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मेश्राम, स्टाफ सिस्टर सरिता मेश्राम और उनकी कुशल टीम ने ऑपरेशन किया था. यह केस बेहद मुश्किल था. सभी बच्चे 29वें हफ्ते में ही पैदा हुए. यानी जन्म में करीब 9 हफ्ते बाकी थे. एक साथ चार बच्चों के जन्म यह पहला मामला नहीं था. इससे पहले भी दुनियाभर से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

(एजेंसी)

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